महाकाल के लड्डू प्रसाद के दाम में 40 रुपये की वृद्धिमंदिर समिति बिना तौले बेच रही लड्डू प्रसाद

भोपाल : गुरूवार, जून 29, 2023/ प्रदेश के उज्जैन शहर स्थित ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में लड्डू प्रसाद के दाम में 40 रुपये किलो की वृद्धि की गई है। प्रसाद के दामों में वृद्धि का निर्णय रविवार को प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया। प्रबंध समिति के इस निर्णय से 360 रुपये किलो मिलने वाला लड्डू प्रसाद 400 रुपये किलो हो गया है। समिति के इस निर्णय से श्रद्धालुओं की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ा है। बताया जाता है कि मंदिर समिति प्रसाद के पैकेट 100, 200, 500 ग्राम व एक किलो के पैकेट में विक्रय करती है, लेकिन पैकेट को तौल कर नहीं बेचा जाता है। बल्कि नग के अनुसार लड्डू पैकेट में रखे जाते हैं। जैसे 100 ग्राम के पैकेट में दो लड्डू व 200 ग्राम के पैकेट में चार लड्डू। समस्या यह है कि लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई में कर्मचारी हाथ से लड्डू बनाते हैं। इससे लड्डू का आकार बड़ा-छोटा हो जाता है। बड़ा लड्डू बनने पर वजन अधिक हो जाता है। जब पैकेट में नग के हिसाब से लड्डू रखते हैं, तो निर्धारित तौल से अधिक वजन चला जाता है। आमतौर पर कोई भी 100 या 200 ग्राम का लड्डू पैकेट तौलेंगे, तो पैकेट के अतिरिक्त प्रसाद का वजन क्रमश: 140 से 260-280 ग्राम निकलेगा। बिना तौले प्रसाद बेचने से जो अतिरिक्त माल मुफ्त में जा रहा है, यही नुकसान की वजह है। इधर मंदिर समिति महाकाल दर्शन करने आने वाले वीआइपी को फ्री में लड्डू प्रसाद भेंट करती है। प्रतिदिन बड़ी मात्रा में प्रसाद वीआइपी को सम्मान के रूप में फ्री दिया जा रहा है। बताया जाता है कि इस व्यवस्था से भी समिति को सालाना 20 से 30 लाख रुपये का आर्थिक नुकसान है। मंदिर समिति प्रसाद का दाम बढ़ाने की बजाय इन दोनों व्यवस्था में सुधार कर ले, तो श्रद्धालुओं की जेब पर अतिरिक्त भार नहीं डालना पड़ेगा। चाहे तो मंदिर समिति जनहित में मूल्य वृद्धि का निर्णय भी वापस ले सकती है। 2018-2019 में तत्कालीन कलेक्टर मनीषसिंह ने वीआइपी को नि:शुल्क लड्डू प्रसाद भेंट करने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कई महीनों तक यह व्यवस्था कायम रही और मंदिर समिति को फायदा हुआ, लेकिन बाद में अधिकारियों ने इस प्रथा को फिर से शुरू कर दिया। वीआइपी को सालभर में कई क्विंटल नि:शुल्क प्रसाद बांटने वाली मंदिर समिति आम भक्तों को भगवान का नि:शुल्क लड्डू प्रसाद नहीं बांट पा रही है। पिछली प्रबंध समिति की बैठक में एक सदस्य ने भक्तों को सप्ताह में एक दिन नि:शुल्क प्रसाद बांटने का प्रस्ताव दिया था, जिस पर सहमति नहीं बनी। इस बारे में महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप कुमार सोनी का कहना है कि हाथ से लड्डू बनाने में एक जैसा वजन नहीं रहता है। कुछ लड्डू बड़े बन जाते हैं, इससे निश्चित रूप से कुछ पैकेट में प्रसाद का अधिक वजन हो जाता है। लड्डू प्रसाद व्यवस्था का शीघ्र आधुनिकीकरण करने जा रहे हैं। जल्द ही मशीन से एक आकार व वजन का लड्डू बनेगा।