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2000 Rupee Note: ‘पीएम मोदी 2000 रुपये के नोट के पक्ष में नहीं थे, लेकिन…’, नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री के सचिव रहे नृपेंद्र मिश्रा का दावा

2000 Rupee Currency Ban: रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने का एलान किया है. जिसके बाद विपक्षी दलों ने पीएम मोदी (PM Modi) पर जोरदार हमला बोलते हुए इस फैसले को केंद्र सरकार की नाकामी बताया था. अब इस मामले पर पीएम के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Misra) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोमवार (22 मई) को कहा कि पीएम मोदी बिल्कुल भी 2000 रुपये के नोट के पक्ष में नहीं थे, लेकिन जैसा कि ये सीमित समय में किया जाना था तो वे अपनी टीम की सलाह के साथ गए.

नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि पीएम ने इसके लिए बिना मन के अनुमति दे दी थी. उन्होंने कभी भी 2000 रुपये के नोट को गरीबों का नोट नहीं माना. उन्हें पता था कि 2000 रुपये में लेन-देन मूल्य के बजाय जमाखोरी होगी. उन्होंने 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने के फैसले पर कहा कि ये नोटबंदी नहीं है, ये 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेना है.

नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि पीएम ने इसके लिए बिना मन के अनुमति दे दी थी. उन्होंने कभी भी 2000 रुपये के नोट को गरीबों का नोट नहीं माना. उन्हें पता था कि 2000 रुपये में लेन-देन मूल्य के बजाय जमाखोरी होगी. उन्होंने 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने के फैसले पर कहा कि ये नोटबंदी नहीं है, ये 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेना है.

“पीएम नहीं चाहते कि गरीब प्रभावित हों”

पूर्व प्रधान सचिव ने आगे कहा कि नोटबंदी के बाद सलाह दी गई कि 2000 रुपये का नोट चलन में लाया जाए, जो प्रधानमंत्री को पसंद नहीं आया. वह तब स्पष्ट थे कि गरीब और मध्यम वर्ग 2,000 रुपये के नोटों का उपयोग नहीं करते हैं, वे 500 रुपये और 100 रुपये जैसे छोटे नोटों का उपयोग करते हैं. प्रधानमंत्री स्पष्ट थे कि वह नहीं चाहते कि गरीब प्रभावित हों.

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Manish Tiwari

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