शपथ ग्रहण समारोह स्थगित: शाह-नड्डा फाइनल कर रहे हैं मंत्रियों के नाम, दिल्ली में चल रही है बड़ी बैठक

रायपुर. छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल के विस्तार की खबरों के बीच एक बड़ी ब्रेकिंग खबर आ रही है. कैबिनेट को लेकर नई दिल्ली में अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में नए मंत्रियों के नाम पर मुहर लगेगी. बीजेपी कोर कमेटी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, अब से कुछ देर बाद दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा की मुलाकात होनी है. दोनों वरिष्ठ नेता छत्तीसगढ़ में आठ संभावित मंत्रियों के नाम फाइनल करेंगे.
विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद 22 दिसंबर को मंत्रियों का शपथ ग्रहण होने की संभावना है. 22 दिसंबर को मुख्यमंत्री साय एक बार फिर दिल्ली जायेंगे. इस बीच इनडोर स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह की चल रही तैयारियों के बीच यह खबर तेजी से फैल गई कि मंत्री कल ही शपथ लेंगे. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में भी कल शपथ ग्रहण समारोह होना था, लेकिन इसे टाल दिया गया है. बताया जा रहा है कि दोनों राज्यों में अभी तक मंत्रियों के नाम तय नहीं हुए हैं.
सूत्रों का यह भी दावा है कि आज ही मध्य प्रदेश की कैबिनेट भी फाइनल होनी है. शाह और नड्डा के बीच आज होने वाली बैठक में एमपी पर भी चर्चा होगी. इसी सिलसिले में आज मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली बुलाया गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा ने उन्हें बुलाया था. चूंकि शिवराज सिंह मुख्यमंत्री नहीं बन सके इसलिए लोकसभा चुनाव सामने होने के कारण पार्टी उन्हें पूरी तरह से किनारे नहीं करना चाहती. नए मंत्रिमंडल में शिवराज की पसंद के कुछ विधायकों को जगह दी जाएगी. मध्य प्रदेश में भी कल कैबिनेट विस्तार होना था, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है.
वहीं, सोशल मीडिया पर भी छत्तीसगढ़ कैबिनेट को लेकर अटकलों के आधार पर कुछ नाम चल रहे हैं, लेकिन हकीकत ये है कि अभी तक सूची फाइनल नहीं हुई है. सीएम विष्णुदेव साय समेत कुछ नेता कल दिल्ली गये थे, उन्होंने अपने सुझाव दिये हैं. लेकिन अंतिम फैसला अमित शाह और जेपी नड्डा की बैठक में लिया जाएगा. दोनों नेता तय करेंगे कि कैबिनेट में कितने नाम पुराने होंगे और कितने नए. फिलहाल नए कोटे से मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम चुने गए हैं. मुख्यमंत्री को छोड़कर कुल 12 मंत्री पद हैं। इनमें से दो का निर्माण हो चुका है। वहीं दो को लोकसभा चुनाव के बाद आरक्षित किया जाएगा। यानी अब आठ मंत्री शपथ लेंगे. अब देखना यह है कि शाह और नड्डा इनमें से कितने नए और कितने पुराने नामों पर टिक करते हैं।