सिस्टम को खराब करने की कोशिश न करें, वोट क्रॉस चेकिंग मामले में बोला सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। ईवीएम से मतदान और वीवीपैट पर्चियों से मिलान की मांग वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीक्रेट बैलेट के जरिए वोटिंग समस्या की तरफ प्रकाश डाला। न्यायाधीश संजीव खन्ना ने याचिकर्ता के वकील प्रशांत भूषण से कहा, हम अपनी जिंदगी के 60 दशक में हैं। हम सभी जानते हैं कि जब बैलेट पेपर्स से वोटिंग होती थी, तब क्या हुआ करता था। हो सकता है आपको पता नहीं, लेकिन हम भूले नहीं है। प्रशांत भूषण ने तर्क दिया था कि कई यूरोपीय देश ईवीएम के बाद वापस कागज के मतपत्रों को अपना रहे हैं। वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि हम वापस मतपत्रों पर जा सकते हैं। दूसरा विकल्प है कि ईवीएम से मतदान के दौरान वोटर्स को वीवीपैट की पर्ची मिले। इसके बाद इसे बैलट बॉक्स में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, वीवीपैट पर्चियां मतदाताओं को दी जानी चाहिए। वीपीपैट का डिजाइन पारदर्शी ग्लास में होना चाहिए। इसमें केवल तब दिखाई देता है जब लाइट सात सेकंड के लिए जलती है।