CGPSC घोटाला : CBI ने शुरू की जांच, सिलेक्टेड कैंडिडेट की आंसर शीट और इंटरव्यू पैनल के डॉक्यूमेंट की होगी फॉरेंसिक जांच, जांच के बाद होगी पूछताछ

रायपुर, 14 जून 2024
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार में हुए CGPSC में घोटाले की जांच अब सीबीआई ने शुरू कर दी है । आयोग से CBI ने कुछ दस्तावेज लेकर उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। अफसरों के मुताबिक, इसकी रिपोर्ट आने के बाद बयान लिए जाएंगे और आगे कार्रवाई होगी।
दरअसल, CBI अफसर पिछले दिनों CGPSC के दफ्तर पहुंचे थे। वहां से उन्होंने 2020 और 2021 के डिप्टी कलेक्टर-डीएसपी की भर्ती परीक्षा में चयनित विवादित उम्मीदवारों के दस्तावेज और अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लेने वाले पैनल सदस्यों की रिपोर्ट ली है।
मोबाइल की भी होगी जांच
आयोग के अध्यक्ष, सचिव, सदस्य, पैनल के सदस्य और विवादित कैंडीडेट्स के मोबाइल की जांच भी CBI कराएगी। मोबाइल की जांच के दौरान पांच साल का तकनीकी रिकॉर्ड अफसरों का खंगाला जाएगा। तकनीकी रिकॉर्ड में कॉल डिटेल, गूगल लोकेशन से लेकर वॉट्सऐप चैट तक खंगाले जाने की तैयारी है।
25 अप्रैल को CBI जांच का नोटिफिकेशन
पीएससी घोटाले की सीबीआई जांच के लिए 25 अप्रैल को अधिसूचना जारी की गई थी। छत्तीसगढ़ गृह विभाग से जांच की स्वीकृति मिलने के बाद यह नोटिफिकेशन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया था। 25 अप्रैल को जारी अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बालोद जिले के अर्जुदा थाना में दर्ज FIR को क्लब करते हुए जांच करने का निर्देश CBI अफसरों को दिया था।
पूर्व चेयरमैन समेत इनके खिलाफ नामजद FIR
FIR में आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अफसरों और नेताओं का नाम है। 15 फरवरी को बालोद के एक अभ्यर्थी ने अर्जुदा थाने में लिखित में शिकायत दी थी। अभ्यर्थी 2021 में PSC की परीक्षा शामिल हुआ था।
अभ्यर्थी ने अपनी शिकायत में बताया था कि, वह प्रिलिम्स और मेंस पास होने के बाद इंटरव्यू तक पहुंचा। उसका इंटरव्यू भी अच्छा गया, लेकिन चयन नहीं हुआ। जबकि कुछ लोग इंटरव्यू से तुरंत निकल गए। इसके बाद भी उनका चयन हो गया।
2021 में विज्ञापन हुआ था जारी
CGPSC ने 19 अलग-अलग विभागों के 210 पदों के लिए 2021 में भर्ती विज्ञापन जारी किया था। 2022 में आयोग ने परीक्षा पूरी की थी। 210 पदों में आयोग ने 625 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए चयनित किया था। इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी करने के बाद आयोग ने अंतरिम सूची जारी की, तो अभ्यर्थियों ने विरोध करना शुरू कर दिया।

