राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 के हुए, जनसंपर्क और यात्राओं से गढ़ी अलग पहचान, मध्यप्रदेश में करेंगे योजनाओं की शुरुआत

नई दिल्ली/रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 75 वर्ष के हो गए हैं। देश और दुनिया के दिग्गज नेताओं ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। इस खास अवसर पर वे मध्यप्रदेश में रहेंगे, जहां वे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ करेंगे।

हाल ही में दो दिन के पूर्वोत्तर दौरे से लौटे प्रधानमंत्री इस माह के अंत में एक बार फिर त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर जा सकते हैं। आरएसएस प्रचारक के दिनों से ही लगातार यात्राएं उनकी पहचान रही हैं, जो आज भी जारी है। मोदी की यात्राएं केवल भाषण तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि योजनाओं की प्रगति की समीक्षा, जनता से प्रत्यक्ष संवाद और फीडबैक लेने का जरिया भी बनती हैं।

राजनीति में उनके सफर पर नजर डालें तो 1990 की सोमनाथ-अयोध्या रथयात्रा और 1991 की एकता यात्रा ने भाजपा के राष्ट्रीय उभार में अहम भूमिका निभाई। श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराना आतंकवाद के खिलाफ साहसिक प्रतीक बना। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने गुजरात गौरव यात्रा (2002) और स्वर्णिम गुजरात यात्रा (2010) के जरिए जनता से जुड़ाव कायम रखा।

भाजपा नेता अनिल बलूनी के मुताबिक, “मोदी की हर यात्रा जनता से जुड़ाव का पुल रही, जो उनकी आकांक्षाओं से सीधे जुड़ी थी।”

प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मोदी ने संवाद की परंपरा ‘मन की बात’ जैसे कार्यक्रमों से आगे बढ़ाई। इसमें वे आम लोगों की उपलब्धियों को राष्ट्रीय गर्व से जोड़ते रहे हैं। कोविड महामारी के समय उनके संदेशों ने स्वास्थ्य संकट को जनआंदोलन का रूप दिया, तो सुरक्षा चुनौतियों के दौरान उनका वाक्य “घर में घुस के मारेंगे” सामूहिक संकल्प का प्रतीक बना।

चंद्रयान-2 की विफलता पर इसरो वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाना और छात्रों से ‘परीक्षा पे चर्चा’ के जरिए मार्गदर्शन देना उनकी संवेदनशील और सलाहकार छवि को मजबूत करता है।

आज 75 वर्ष की उम्र में भी नरेंद्र मोदी का जनसंपर्क और यात्राओं पर फोकस जारी है, जो उनकी राजनीति की सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है।

IMG 20250811 172353
Manish Tiwari

Show More

Related Articles

Back to top button