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यूएन मुख्यालय में पीएम मोदी ने किया योग, कहा यह भारत से आया लेकिन इस पर कोई कॉपीराइट नहीं

21 जून को दुनियाभर में योग दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के अमेरिका के राजकीय दौरे पर हैं। इसके तहत वह कार्यक्रमों में हिस्सा भी ले रहे हैं। इस बीच, पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के योग कार्यक्रम में शामिल हुए और योग किया। कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया।

पीएम मोदी बोले योग मतलब यूनाइट
पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सभी देशों के लोग मौजूद हैं। आपमें से बहुत सारे लोग बहुत दूर यहां आए हैं। कार्यक्रम में आने वाले सभी लोगों का धन्यवाद। योग भारत से आया और यह पुरानी परंपरा है। मैं आप सभी को देखकर प्रसन्न हूं और यहां पर आने के लिए आप सभी का धन्यवाद करता हूं। मुझे बताया गया है कि आज यहां लगभग हर राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व है। योग का अर्थ है जोड़ना इसलिए आप एक साथ आ रहे हैं यह योग के दूसरे रूप की अभिव्यक्ति है पीएम मोदी बोले योग मतलब यूनाइट। योग कॉपीराइट-रॉयल्टी और पेटेंट फ्री है। योग जीवन जीने का तरीका है।

बाजरा एक सुपरफूड है- पीएम मोदी
लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि योग आपकी आयु, लिंग और फिटनेस स्तर के अनुकूल है। योग पोर्टेबल है और वास्तव में सार्वभौमिक है। आगे कहा कि पिछले साल, 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए पूरी दुनिया एक साथ आई थी। बाजरा एक सुपरफूड है। वे समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और पर्यावरण के लिए भी अच्छे … पूरी दुनिया को देखना अद्भुत है योग के लिए फिर से साथ आएं।

योग की शक्ति का उपयोग करें- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले हम योग की शक्ति का उपयोग न केवल स्वस्थ, खुश रहने के लिए करें बल्कि स्वयं और एक-दूसरे के प्रति दयालु होने के लिए भी करें। आइए हम योग की शक्ति का उपयोग करें। मित्रता, एक शांतिपूर्ण दुनिया और एक स्वच्छ, हरित और टिकाऊ भविष्य के पुल बनाने के लिए योग की शक्ति का उपयोग करें। आइए हम एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लक्ष्य को साकार करने के लिए हाथ मिलाएं।

योग जीवन का एक तरीका है
पीएम मोदी ने कहा कि योग भारत से आता है। सभी प्राचीन भारतीय परंपराओं की तरह यह भी जीवंत और गतिशील है। योग जीवन का एक तरीका है। ये विचारों और कार्यों में सावधानी बरतने का एक तरीका है। ये स्वयं के साथ, दूसरों के साथ और प्रकृति के साथ सद्भाव से जीने का तरीका है।

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Manish Tiwari

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