“कानून के शासन का सम्मान…” : राहुल गांधी के केस पर नज़र रख रहा है अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जुड़े उन मामलों पर नज़र रख रहा है, जो भारतीय अदालतों में चल रहे हैं. यह बात अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रधान उपप्रवक्ता वेदांत पटेल ने सोमवार (स्थानीय समयानुसार) को कही. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित सभी लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ लगातार काम कर रहा है.
राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दिए जाने से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए वेदांत पटेल ने प्रेस वार्ता में कहा, “कानून के शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है, और हम श्री गांधी (राहुल गांधी) के मामले को भारतीय अदालतों में देख रहे हैं…”
केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ को लेकर की गई उनकी टिप्पणी की वजह से आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से शुक्रवार को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
वेदांत पटेल ने कहा, “अमेरिका अपने भारतीय साथियों के साथ परस्पर संबंधों में निश्चित रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित सभी लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ काम कर रहा है…” उन्होंने कहा, “हम दोनों देशों के लोकतंत्रों को मज़बूत करने के तरीके के रूप में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मानवाधिकारों के संरक्षण के महत्व को सामने लाते रहेंगे…”
अप्रैल, 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान “सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है…” टिप्पणी की थी, जिसके बाद सूरत पश्चिम से भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.