दो दिवसीय भारत दौरे पर होंगे भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, राष्ट्रपति मुर्मु से करेंगे मुलाकात

नई दिल्ली भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक 3 से 5 अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। उनके साथ विदेश और विदेश व्यापार मंत्री डॉ. टांडी दोरजी और भूटान की शाही सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी आएंगे। अपनी यात्रा के दौरान वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई है।
दोनों देशों की संधि में 2007 में किया गया था संशोधन
भारत-भूटान द्विपक्षीय संबंधों का मूल ढांचा दोनों देशों के बीच 1949 में हस्ताक्षरित मैत्री और सहयोग की संधि थी। इसने दोनों देशों के बीच एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का आह्वान है। सन् 2007 में संधि को संशोधित किया गया था। हालांकि, भूटान भारत को अपनी विदेश नीति का मार्गदर्शन करने देने के लिए सहमत हो गया था।
दोनों देशों के बीच 1968 में स्थापित हुए राजनयिक संबंध
आपको बता दें कि 1968 में थिम्पू में भारत के एक विशेष कार्यालय की स्थापना के साथ दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित किए गए थे। भारत और भूटान के बीच सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, व्यापार, पारगमन, आर्थिक, जल विद्युत, विकास सहयोग, जल संसाधन आदि जैसे क्षेत्रों में कई संस्थागत और राजनयिक तंत्र हैं।
चार राज्यों के साथ साझा करते हैं सीमा
गौरतलब है कि भूटान भारत के चार राज्य- असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के साथ 699 किलोमीटर की लंबाई तक अपनी सीमा साझा करता है। भूटान भारत के लिए एक बफर राज्य के रूप में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चिकन नेक कॉरिडोर की रक्षा करके चीन से कुछ हद तक भारत की रक्षा करता है।