1 मई से सेटेलाइट टोल सिस्टम लागू नहीं होगा, सरकार ने खबर को बताया फेक — फास्टैग ही रहेगा जारी

नई दिल्ली | 20 अप्रैल 2025
हाल ही में मीडिया में चल रही खबरों में दावा किया गया कि केंद्र सरकार 1 मई 2025 से देशभर में सेटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम लागू करने जा रही है, जो मौजूदा फास्टैग प्रणाली की जगह लेगा। इन खबरों पर अब परिवहन मंत्रालय ने सफाई दी है और इसे पूरी तरह फेक न्यूज करार दिया है।
सरकार का स्पष्टीकरण:
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने शुक्रवार को साफ किया कि 1 मई से कोई नया टोल सिस्टम लागू नहीं किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में टोल संग्रह के लिए फास्टैग सिस्टम ही जारी रहेगा और सेटेलाइट आधारित टोलिंग को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
क्या है मंत्रालय की योजना?
मंत्रालय ने यह जरूर बताया कि टोल प्लाजा पर वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए कुछ चुनिंदा स्थानों पर उन्नत तकनीक आधारित टोल सिस्टम पर काम किया जा रहा है। इसमें ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) तकनीक और फास्टैग सिस्टम का संयोजन होगा।
इस नई व्यवस्था में हाई-परफॉर्मेंस ANPR कैमरे और फास्टैग रीडर मिलकर बिना किसी रुकावट के वाहन की पहचान कर सकेंगे और उसी आधार पर टोल शुल्क काटा जाएगा।
नियमों का उल्लंघन करने पर क्या होगा?
यदि कोई वाहन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ ई-नोटिस जारी किया जाएगा। भुगतान न करने की स्थिति में फास्टैग सस्पेंड किया जा सकता है और वाहन मालिक पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
निष्कर्ष:
1 मई से फास्टैग सिस्टम बंद होने की अफवाहें बिल्कुल गलत हैं। सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि सेटेलाइट टोलिंग फिलहाल लागू नहीं की जा रही है। आम जनता से अपील की गई है कि वे इस तरह की भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें।