गरियाबंद में फिर उजागर हुआ रेत माफिया का दुस्साहस: पत्रकारों पर हमले के बावजूद अवैध रेत उत्खनन जारी, प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में दो चैन माउंटेन जब्त

गरियाबंद। पत्रकारों पर जानलेवा हमले के बाद भी राजिम क्षेत्र में रेत माफियाओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद बकली इलाके में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन बदस्तूर जारी है। शनिवार को खनिज विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए अवैध उत्खनन में लगे दो चैन माउंटेन को जब्त किया।
गौरतलब है कि 9 जून को गरियाबंद जिले के पितईबंद घाट (पैरी नदी) में अवैध रेत उत्खनन की रिपोर्टिंग करने पहुंचे पत्रकारों पर खदान संचालक के गुर्गों ने जानलेवा हमला किया था। हमले में पत्रकार इमरान मेमन, थानेश्वर साहू, जितेंद्र सिन्हा और अन्य मीडियाकर्मियों को कैमरे और पहचान पत्र से वंचित कर खेतों-खलिहानों तक दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। जान बचाने के लिए पत्रकारों को खेतों में छिपना पड़ा।
रिपोर्टिंग के दौरान जब पत्रकारों ने अवैध रेत परिवहन की सूचना जिला खनिज अधिकारी को दी, तो कार्रवाई करने के बजाय खदान संचालक के करीब 7–8 गुर्गे वहां आ धमके और बहस के बाद कैमरा और आईडी छीनकर मारपीट शुरू कर दी।
घटना के तुरंत बाद पत्रकार इमरान मेमन ने प्रशासनिक अधिकारियों को एक वीडियो संदेश भेजा, जिसके बाद कलेक्टर भगवान सिंह ने एसडीएम को मौके के लिए रवाना किया। एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर के निर्देश पर राजिम पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की।
हालांकि, इस गंभीर हमले के बावजूद अवैध उत्खनन का सिलसिला जारी रहने से खनिज और पुलिस विभाग की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब जबकि प्रशासन की संयुक्त टीम ने बकली में दो चैन माउंटेन जब्त किए हैं, देखना होगा कि रेत माफियाओं के खिलाफ आगे कैसी सख्ती दिखाई जाती है।