छत्तीसगढ़ को मिली 8,741 करोड़ की रेल सौगात: खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा परियोजना से उद्योगों और रोजगार को मिलेगी रफ्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजना को मिली मंजूरी, छत्तीसगढ़ के विकास को मिलेगी नई रफ्तार
रायपुर, 4 अप्रैल 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने भारतीय रेलवे की चार महत्वपूर्ण मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को स्वीकृति दी है, जिनकी कुल लागत लगभग 18,658 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ सहित महाराष्ट्र और ओडिशा के कुल 15 जिलों को जोड़ते हुए रेलवे नेटवर्क में 1,247 किलोमीटर की महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत ‘खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा 5वीं एवं 6वीं लाइन’ परियोजना राज्य के औद्योगिक विकास में ऐतिहासिक परिवर्तन लाएगी। यह परियोजना बलौदा बाजार जैसे क्षेत्रों को सीधी रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे सीमेंट संयंत्रों, इस्पात इकाइयों और अन्य औद्योगिक निवेश को मजबूती मिलेगी। यह रेलमार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और चूना पत्थर जैसी सामग्रियों के परिवहन को सुगम बनाएगा, जिससे माल ढुलाई की लागत घटेगी और संचालन की गति बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को मिली यह ऐतिहासिक रेल परियोजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि इस रेलमार्ग से बलौदा बाजार और आस-पास के क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है, जिससे युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इस परियोजना से न केवल कोयला, सीमेंट और लौह अयस्क उत्पादन को गति मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक सशक्तिकरण भी सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को विकास के फास्ट ट्रैक पर लाने के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है।
खरसिया-परमलकसा रेल परियोजना की मुख्य विशेषताएँ:
- कुल लंबाई: 278 किलोमीटर लंबा रेलमार्ग, 615 किलोमीटर ट्रैक
- स्टेशनों की संख्या: 21
- पुल और फ्लाईओवर: 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी), 184 रेलवे अंडरब्रिज (आरयूबी), 5 रेल फ्लाईओवर
- ट्रैफिक क्षमता: 21 से 38 मिलियन टन कार्गो, 8 मेल/एक्सप्रेस/सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें
- पर्यावरण संरक्षण: 22 करोड़ लीटर डीजल की वार्षिक बचत, 113 करोड़ किग्रा CO2 की कटौती (लगभग 4.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर)
- लॉजिस्टिक्स लागत में कमी: सड़क परिवहन की तुलना में प्रतिवर्ष 2,520 करोड़ रुपये की बचत
- लाभान्वित जिले: रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव
राज्य की प्रगति का नया युग
इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को तीव्र गति मिलेगी। यह पहल न केवल परिवहन अवसंरचना को सशक्त बनाएगी, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता को भी नया आयाम देगी।