चैत्र नवरात्रि 2025: छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, व्रत विधि, आरती और खास नियम

धर्म, 3 अप्रैल 2025: चैत्र नवरात्रि का आज छठा दिन है, जिसे मां कात्यायनी की पूजा के रूप में मनाया जाता है। मां कात्यायनी को शक्ति और साहस की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इनकी आराधना करने से सभी प्रकार के शत्रुओं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। नवरात्रि के इस विशेष दिन पर भक्त विधिपूर्वक उपवास रखते हैं और मां की आराधना कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
मां कात्यायनी की पूजा का महत्व
मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के तप से हुआ था, इसलिए इन्हें यह नाम प्राप्त हुआ। इनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है। मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां कात्यायनी की आराधना करता है, उसके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और उसे शक्ति व आत्मविश्वास प्राप्त होता है।
छठे दिन की पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएं।
- गुलाबी और लाल फूल अर्पित करें, क्योंकि ये मां कात्यायनी को प्रिय हैं।
- मां को शहद का भोग लगाएं, इससे सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और कात्यायनी माता के मंत्र का जाप करें।
- अंत में मां की आरती करें और पूजा का समापन करें।
मां कात्यायनी का मंत्र
॥ ॐ देवी कात्यायन्यै नमः ॥
इस मंत्र का जाप 108 बार करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
आज का शुभ मुहूर्त
- पूजा का शुभ समय: सुबह 06:15 बजे से 09:30 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:50 बजे से 12:40 बजे तक
- संध्या पूजा का समय: शाम 06:45 बजे से 08:00 बजे तक
नवरात्रि के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
- नवरात्रि के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करें और लहसुन-प्याज से परहेज करें।
- प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और मां दुर्गा की आरती करें।
- कन्या पूजन के लिए छोटी बच्चियों को आमंत्रित कर उन्हें भोजन कराएं।
- मां कात्यायनी की पूजा से विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
चैत्र नवरात्रि का यह पावन पर्व शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन मां कात्यायनी की आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं।