“राहुल गांधी की नागरिकता पर सीबीआई जांच, दिल्ली और इलाहाबाद हाईकोर्ट में समानांतर याचिकाओं की सुनवाई, स्वामी की याचिका पर 6 दिसंबर को अगली सुनवाई”
नई दिल्ली | कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे पर सीबीआई जांच कर रही है। दिल्ली हाईकोर्ट को बुधवार को यह जानकारी दी गई। अदालत को बताया गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी इस मसले पर जनहित याचिका दाखिल है जिस पर सुनवाई चल रही है। इसी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता की सीबीआई जांच शुरू की गई है। इस पर अदालत ने कहा कि वह नहीं चाहती कि कोई विरोधाभासी आदेश पारित किया जाए। एक ही मसले पर दो समानांतर याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हो सकती है।
दरअसल, याचिकाकर्ता कर्नाटक भाजपा कार्यकर्ता ने कहा कि उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। इस पर मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि वह नहीं चाहती कि कोई विरोधाभासी आदेश पारित किया जाए। पीठ ने कहा कि एक ही कारण पर दो समानांतर याचिकाएं नहीं हो सकतीं। इसके बाद पीठ ने एस. विग्नेश शिशिर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनकी जनहित याचिका के बाद प्रासंगिक घटनाक्रम पर एक हलफनामा दायर करने की अनुमति दी।
दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष यह मामला भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर था। स्वामी ने अदालत से गृह मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की थी कि वह राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग करने वाले उनके आवेदन पर फैसला करे। स्वामी ने अपनी याचिका में गृह मंत्रालय को यह निर्देश देने की भी मांग की कि वह लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ उनके आवेदन पर स्थिति रिपोर्ट पेश करे। सुब्रमण्यम स्वामी का कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष विचाराधीन मामले का उनके मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
सुब्रमण्यम स्वामी का कहना था कि दोनों अदालतों में दाखिल अर्जियां पूरी तरह से अलग हैं। वहीं एस. विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि स्वामी की याचिका ने समानांतर कार्यवाही की परिस्थिति खड़ी की है। इस पर न्यायालय ने शिशिर को याचिका में पक्षकार बनने के लिए आवेदन दायर करने को कहा। अदालत ने मामले को 6 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया। सुनवाई के दौरान शिशिर ने कहा कि उनकी याचिका पर 24 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। मैं भी इस मामले में सीबीआई के समक्ष पेश हुआ और इस संबंध में गोपनीय साक्ष्य प्रस्तुत किए।