डोकलाम पर भूटान के पीएम ने बढ़ाई टेंशन, बोले- विवाद सुलझाने में चीन भी बराबर का हकदार

डोकलाम विवाद पर भूटान के पीएम लोटे त्शेरिंग का कहना है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन को भी साथ बैठना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी देश समान हैं. हालांकि 2019 में उन्होंने चीन के अवैध निर्माण का विरोध किया था. डोकलाम तीनों देशों के ट्राई जंक्शन पर है. चीन भूटान के हिस्से पर कब्जा करने के बाद दक्षिण में भारत के इलाके में घुसने की कोशिश कर रहा है.
भूटान के प्रधानमंत्री लोटे त्शेरिंग के डोकलाम विवाद पर आए बयान ने चिंता बढ़ा दी है. उन्होंने कहा कि डोकलाम विवाद का हल निकालने में चीन की भी बराबर का अधिकार है. डोकलाम पठार भारत, चीन और भूटान पर स्थित है. 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद से तीन देशों में तनाव बना हुआ है. बेल्जियम के दैनिक अखबार ‘ला लिबरे’ को दिए इंटरव्यू में भूटान के पीएम ने कहा, “समस्या का हल निकालना केवल भूटान पर निर्भर नहीं है. हम तीन देश हैं. कोई बड़ा या छोटा देश नहीं है. तीनों समान देश हैं.”
दरअसल चीन ने डोकलाम के पास भूटानी क्षेत्र के भीतर गांवों और सड़कों का निर्माण कर लिया है. चीन की यह हरकत भारत के लिए चुनौतियां खड़ी कर रहा है. भारत रणनीतिक सिलीगुड़ी गलियारे के पास डोकलाम में निर्माण के कारण चीनी विस्तार का विरोध कर रहा है. लोटे त्शेरिंग का बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि डोकलाम के ट्राई जंक्शन पर भारत-चीन और भूटान मिलकर चर्चा कर विवाद को सुलझाया जाए. चीन ट्राई जंक्शन को बटांगा ला से माउंट जिपमोची नाम की चोटी पर शिफ्ट करना चाहता है जो कि 7 किमी. दक्षिण में स्थित है. ऐसा होने पर डोकलाम पठार कानूनी रूप से चीन का हिस्सा हो जाएगा.