सफलता की कहानी: महासमुंद के किसानों ने बिना किसी परेशानी के बेचा धान, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की किसान-कल्याण योजनाओं से बढ़ा उत्साह

रायपुर, 18 नवंबर 2025। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन और किसान कल्याण की प्राथमिकताओं को धरातल पर उतारते हुए राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी कृषक उन्नति योजना किसानों के लिए वास्तविक बदलाव साबित हो रही है। बेहतर समर्थन मूल्य, पारदर्शी टोकन प्रणाली और सुविधाजनक उपार्जन व्यवस्था ने धान विक्रय प्रक्रिया को सरल, तेज और भरोसेमंद बनाया है।
महासमुंद जिले के विकासखंड मोंगरा के किसान लक्ष्मण ध्रुव ने अपने 54 कट्टा धान को ग्रामीण सेवा सहकारी समिति झालखम्हरिया उपार्जन केंद्र पर आसानी से बेच दिया। उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले टोकन कटवाने से उन्हें समय पर धान विक्रय की सुविधा मिली और पंजीकरण प्रक्रिया बेहद सरल थी। लक्ष्मण की खेती मात्र एक एकड़ में है, लेकिन शासन की पारदर्शी व्यवस्था ने उन्हें विक्रय में कोई परेशानी नहीं होने दी।


इसी तरह खोरबहारा साहू ने 42 डिसमिल कृषि भूमि में 8.80 क्विंटल धान का उत्पादन किया और बिना किसी बाधा के अपने धान का विक्रय किया। वहीं छगन लाल साहू ने अपने पिताजी पुनीत राम साहू के नाम पंजीकृत 10 एकड़ कृषि भूमि में 250 कट्टा धान का उपार्जन किया।
सरकार द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल की दर से धान खरीदी और समर्थन मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल देने के निर्णय ने किसानों के लिए बड़ी राहत दी है। लक्ष्मण ध्रुव, खोरबहारा साहू और छगन लाल साहू ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का धन्यवाद ज्ञापित किया और इस योजना के माध्यम से अपने उत्पादन और विश्वास में वृद्धि का अनुभव साझा किया।
किसान अब उत्साह और भरोसे के साथ अधिक उत्पादन कर रहे हैं और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ महसूस कर रहे हैं, जिससे महासमुंद जैसे जिले में कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की कहानी रची जा रही है।



