दिव्यांग बेटियों की शिक्षा के लिए गरिमा अग्रवाल का बड़ा कदम, हॉस्टल निर्माण हेतु किया अविस्मरणीय दान

रायपुर | 12 जून 2025: समाज में बेटियों की शिक्षा को लेकर प्रेरणास्रोत बनकर उभरी हैं गरिमा अग्रवाल, जिन्होंने दिव्यांग बेटियों के लिए अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल में गर्ल्स हॉस्टल निर्माण हेतु पूरा खर्च उठाकर एक मिसाल पेश की है। गरिमा और उनके भाई गौरव अग्रवाल द्वारा किए गए इस कार्य की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है।


अर्पण दिव्यांग स्कूल में जहां पहले से लड़कों के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध थी, वहीं दिव्यांग बालिकाओं को हॉस्टल की सुविधा न होने के कारण कई बच्चियां शिक्षा से वंचित रह जाती थीं। इनमें से अधिकांश बच्चियों के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वे हॉस्टल का खर्च वहन नहीं कर सकते। ऐसे में गरिमा अग्रवाल ने लगभग 30 दिव्यांग बालिकाओं के लिए हॉस्टल निर्माण का संकल्प लिया और उसका पूर्ण वित्तीय भार स्वयं उठाया।
बेटी बनकर बेटियों के लिए किया बेटियों जैसा कार्य
महज 23 वर्षीय लॉ ग्रेजुएट गरिमा अग्रवाल ने यह कार्य एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में लिया। उन्होंने कहा, “एक बेटी होने के नाते मैं चाहती हूं कि प्रदेश की हर बच्ची – चाहे वह दिव्यांग हो, नेत्रहीन हो या मूकबधिर – वह शिक्षित हो और आत्मनिर्भर बने।”
गरिमा ने बताया कि यह हॉस्टल निर्माण केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि दिव्यांग बच्चियों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। स्कूल की ओर से बच्चियों को नि:शुल्क शिक्षा और विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे नौकरी के योग्य बन सकें।
समाज के लिए प्रेरणा बनीं गरिमा
अर्पण दिव्यांग स्कूल के प्राचार्य कमलेश मिश्रा ने गरिमा के इस कार्य को “अविस्मरणीय दान” बताया और कहा कि यह उदाहरण पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा, “बेटी गरिमा ने अपने नाम के अनुरूप ही कार्य किया है – गरिमा के साथ औरों की गरिमा बढ़ाने का।”
इस पुण्य कार्य के भूमि पूजन के साथ ही यह पहल अब एक आंदोलन का रूप लेती नजर आ रही है, जो समाज को दिव्यांगजनों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए प्रेरित करेगी।