जनकवि लक्ष्मण मस्तुरिया की जयंती पर ‘पुरखा के सुरता’ कार्यक्रम में शामिल हुए अनुज शर्मा, कहा – “मस्तुरिया जी हमर माटी के आवाज रहिन”

रायपुर, 7 जून 2025।जनकवि लक्ष्मण मस्तुरिया की जयंती के अवसर पर रायपुर प्रेस क्लब में शनिवार को ‘पुरखा के सुरता’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वर्गीय मस्तुरिया जी के जीवन, कृतित्व और विचारों पर प्रेरक चर्चा हुई। कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मानित धरसींवा विधायक एवं छत्तीसगढ़ी फिल्म सुपरस्टार अनुज शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान अनुज शर्मा ने भावुक स्वर में जनकवि को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा –
“गिरे परे मनखे मन के तैं, दुख ला अपन बनाए गा
लक्ष्मण मस्तुरिया भइया तँय, उँकर पीर ला गाए गा।”
उन्होंने आगे कहा –
“छत्तीसगढ़ के संस्कृति ला, देख अमावस खावत हे
लछमन मस्तुरिया के सुरता, मन मा रहि-रहि आवत हे।”
अनुज शर्मा ने मस्तुरिया जी को “बरगद रुख” की उपमा देते हुए कहा –
“जेकर डारा मा झूलना झूल के हमन छत्तीसगढ़ के संस्कृति अउ संगीत ला जीयत हन। ऊंखर लेखनी मा छत्तीसगढ़ दमकत हे, अउ ऊंखर आवाज आजो कहत हे – मोर संग चलव रे।”
उन्होंने कहा कि लक्ष्मण मस्तुरिया केवल कवि नहीं थे, बल्कि छत्तीसगढ़ी अस्मिता के जीवंत प्रतीक थे। उनकी कविताओं में संवेदना, चेतना, और सामाजिक आंदोलनों की गूंज होती थी।
इस अवसर पर अनेक साहित्यप्रेमी, संस्कृतिकर्मी, पत्रकार एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने मस्तुरिया जी को श्रद्धा व सम्मान के साथ याद किया और उनकी रचनाओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का संकल्प लिया।
“लक्ष्मण मस्तुरिया, आप हमेशा हमर माटी म जीवित रहिहव। आप मन के मया, आप मन के स्वर, हमर प्रेरणा रहिहव।” – अनुज शर्मा