झारखंड में बड़ा रेल हादसा : बड़ाबंबू स्टेशन के पास हावड़ा-मुंबई मेल के 20 डिब्बे पटरी से उतरे, कई लोग घायल
जमशेदपुर। हावड़ा से चलकर मुंबई जाने वाली 12810 मुंबई मेल दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। घटना झारखंड के चक्रधरपुर मंडल के राजखरसवां-बडाबांबो स्टेशन के बीच हुई। घने जंगल, रात का सन्नाटा और अचानक ट्रेन में जोरदार झटका। झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल में बड़ाबंबू के पास मंगलवार तड़के 3:43 बजे मालगाड़ी से टकराकर हावड़ा-मुंबई मेल (12810) के 20 डिब्बे पटरी से उतर गए। यह हादसा राजखरसावां और बड़ाबंबू स्टेशनों के बीच किलोमीटर संख्या 298/21 पर हुआ। इस भीषण हादसे में कई यात्री घायल हुए हैं।
रेल परिचालन पूरी तरह ठपघटना की वजह से दक्षिण पूर्व रेलवे के टाटानगर-चक्रधरपुर खंड पर रेल परिचालन पूरी तरह ठप हो गया है। इस हादसे के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि कुछ ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है। रेलवे अधिकारी पटरी की मरम्मत और ट्रेन परिचालन बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार हावड़ा से चलकर मुंबई जाने वाली मुंबई मेल सोमवार रात 11 बजकर दो मिनट के बजाए दो बजकर 37 मिनट पर टाटानगर पहुंची और दो मिनट के ठहराव के बाद यह अगले स्टेशन चक्रधरपुर के लिए रवाना हो गई लेकिन यह ट्रेन अपने अगले स्टेशन तक पहुंचती उससे पहले यह तीन बजकर 45 मिनट पर बड़ाबांबो से आगे दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार डाउन लाइन से आ रही मालगाड़ी के साथ मेल एक्सप्रेस सट (साइड क्लोजन) गई जिससे ट्रेन के 20 डिब्बे बेपटरी हो गए, वहीं मालगाड़ी के कई डिब्बे क्षतिग्रस्त हो गए। दुर्घटना कितनी भयावाह है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेल एक्सप्रेस के कई डिब्बे आपस में चढ़ गए तो कई गति तेज होने के कारण बीच से मुड़ गए। कई डिब्बे आपस में बुरी तरह से सट चुके हैं। इस दुर्घटना में दर्जनों की संख्या में यात्री घायल होने की संभावना है। चक्रधरपुर मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य कुमार चौधरी ने इस दुर्घटना की पुष्टि की है।
मालगाड़ी और कोचिंग ट्रेन के डिब्बे काफी दूर तक फैलेइस दुर्घटना के बाद से हावड़ा-मुंबई मार्ग में यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्घटना के बाद मालगाडी और कोचिंग ट्रेन के डिब्बे काफी दूर से फैल गए हैं जिसके कारण थर्ड लाइन भी प्रभावित हुआ है। वहीं दुर्घटना के कारण ओवरहेड लाइन, खंभे और ट्रेन की पटरी भी बुरी से क्षतिग्रस्त हो गई है। हालांकि दुर्घटना किस कारण से हुई, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
रात के सन्नाटे को चीखों ने चीरा
रात का सन्नाटा था। लगभग पौने चार बजे थे। अधिकांश यात्री गहरी नींद में सो रहे थे। तभी अचानक एक तेज आवाज ने सपनों की इस दुनिया को हिला कर रख दिया। ट्रेन बुरी तरह हिलने लगी और देखते ही देखते कई डिब्बे एक के बाद एक पटरी से उतरते चले गए। ट्रेन के अंदर अफरा-तफरी मच गई। चीख़ें गूंज उठी। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। ऊपर के बर्थ पर सो रहे कई यात्री नीचे गिर गए। सामान बिखर गया।
साढ़े तीन घंटे देर से चल रही थी ट्रेन
ट्रेन संख्या 12810, जिसमें टाटानगर का इंजन संख्या 37077 लगा हुआ था, टाटानगर स्टेशन से सुबह 2:39 बजे अपने निर्धारित समय से साढ़े तीन घंटा मिनट देरी से रवाना हुई। ट्रेन का टाटानगर स्टेशन पहुंचने का समय 11.02 मिनट था। घटना के समय ट्रेन लगभग 44 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। घटना के बाद आनन-फानन में राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंचे।