IND vs ENG: भारत ने अंग्रेजों से हिसाब किया बराबर, सेमीफाइनल में 68 रनों से हराया; 10 साल बाद फाइनल में किया प्रवेश
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खेलडेस्क |भारत ने टी20 वर्ल्ड कप के दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड को 68 रन से हरा दिया है. इसी के साथ टीम इंडिया ने फाइनल में प्रवेश पा लिया है और अब उसका सामना खिताबी भिड़ंत में दक्षिण अफ्रीका से होगा. भारत ने 2022 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में आई हार का हिसाब भी चुकता कर दिया है. 2 साल पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने टीम इंडिया को 10 विकेट से रौंदा था. 172 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड के बल्लेबाज कोई बड़ी पार्टनरशिप लगा ही नहीं पाए. इंग्लैंड की आधी टीम 50 रन के भीतर आउट हो गई थी, जिसके बाद टीम इंडिया की जीत औपचारिकता मात्र रह गई थी. इंग्लैंड की टीम पूरे 20 ओवर भी नहीं खेल पाई और 103 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई. भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट कुलदीप यादव और अक्षर पटेल ने लिए, इन दोनों गेंदबाजों ने तीन-तीन विकेट लिए.
भारत ने दिया था 172 का लक्ष्य
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया था, जो उसी पर भारी पड़ा. भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी का न्योता मिला और टीम ने स्कोरबोर्ड पर 171 रन लगाए. हालांकि बारिश ने कई बार टीम इंडिया की पारी में दखल दिया, लेकिन रोहित शर्मा की 57 रन और सूर्यकुमार यादव के 47 रनों की बदौलत भारत 171 रन के स्कोर तक पहुंचने में सफल रहा. अंतिम ओवरों में हार्दिक पांड्या ने 23 रन और रवींद्र जडेजा ने 17 रन की कैमियो पारी खेलकर महफिल लूटी.
50 रन के भीतर इंग्लैंड की आधी टीम आउट
172 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम की शुरुआत बहुत खराब रही. कप्तान जोस बटलर से विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हुआ जो अंत तक रुका ही नहीं. आधी इंग्लिश टीम 50 रन के भीतर पवेलियन लौट चुकी थी. कप्तान जोस बटलर ने 23 रन और हैरी ब्रूक ने 25 रन का योगदान दिया. 15 ओवर तक इंग्लैंड 86 रन पर 8 विकेट गंवा दिए थे. चूंकि हाथ में मात्र 2 विकेट बाकी थे, ऐसे में 5 ओवरों में 86 रन बना पाना लगभग असंभव काम प्रतीत हो रहा था.
दबाव में ढह गई इंग्लैंड
इंग्लैंड की शुरुआत तो बढ़िया रही क्योंकि टीम ने 3 ओवर में बिना विकेट गंवाए 26 रन बना लिए थे. मगर अगले 23 रन के अंदर इंग्लिश टीम के 5 बल्लेबाज पवेलियन लौट गए थे. एक समय टीम का स्कोर 5 विकेट के नुकसान पर 49 रन था. दरअसल शुरुआती 26 रन इंग्लैंड के किन्हीं 2 खिलाड़ियों के बीच सबसे बड़ी साझेदारी रही. कोई बड़ी पार्टनरशिप ना होना इंग्लैंड की हार का सबसे बड़ा कारण रहा. टीम के 7 बल्लेबाज तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए.