‘प्लीज किसी से न कहना…’, SCO बैठक में आए रूसी विदेश मंत्री ने क्यों कही जयशंकर से ये बात

पणजी (गोवा). शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक (SCO-CFM) आज शुरू हो चुकी है. 4 और 5 मई को होने वाली इस बैठक में सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्री (Finance Ministers) सम्मेलन में भाग लेने गोवा पहुंच रहे हैं. यह बैठक भारत द्वारा नई दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक (28 अप्रैल) की अध्यक्षता करने के कुछ दिनों बाद हो रही है. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर एससीओ की बैठक (SCO Summit) के इतर सदस्य राष्ट्रों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने वाले हैं.
विदेशमंत्री एस. जयशंकर इसी क्रम में द्विपक्षीय वार्ता के लिए अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव (EAM S Jaishankar and Russian Foreign Minister Sergey Lavrov) से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच कुछ हंसी-ठिठोली का माहौल देखा गया.
विदेश मंत्री जयशंकर ने लावरोव की खींची टांगभारत और रूस के विदेश मंत्री एससीओ बैठक से इतर द्विपक्षीय वार्ता के लिए मिले. दोनों मंत्रियों के बीच दिलचस्प बॉन्डिंग देखने को मिली. रूसी मीडिया के हवाले से शेयर की गई बैठक की तस्वीरों और जानकारियों के मुताबिक एस. जयशंकर अपने समकक्ष लावरोव की टांग खींचते हुए दिखे. विदेश मंत्री लावरोव से गोवा दौरे को लेकर पूछते हैं, ‘क्या उनको इस यात्रा के दौरान कुछ आराम और सनटैन यानी धूप सेंकने (Sun Bath) का मौका मिला?’ इस पर रूसी विदेशमंत्री लावरोव मजाकिया लहजे में कहते हैं, ‘उनके पास टाइम हैं, लेकिन प्लीज किसी को मत बताना.’
बिलावल भुट्टो से वार्ता पर संशयविदेशमंत्री SCO के सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों के साथ एससीओ बैठक से इतर द्विपक्षीय वार्ता कर रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने अपने चीनी समकक्ष जनरल झांग मिंग और रूसी समकक्ष लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. लेकिन एससीओ बैठक में भाग लेने पहुंचे पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगा या नहीं… इस पर दोनों राष्ट्रों की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. वहीं, SCO बैठक में भाग लेने पहुंचे पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने अपनी गोवा (भारत) यात्रा को SCO के चार्टर के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता बताया है. मालूम हो कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में भारत के अलावा पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं.