Sankalp Satyagraha: कांग्रेस के संकल्प सत्याग्रह के दौरान प्रियंका गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. प्रियंका गांधी ने कहा कि इस देश के लोकतंत्र को मेरे परिवार के खून ने सींचा है. हम डरने वाले नहीं हैं. प्रियंका गांधी ने बीजेपी नेताओं द्वारा अपने परिवार के अपमान का मुद्दा भी उठाया. अपने संबोधन की शुरुआत में कांग्रेस महासचिव ने 32 साल पुराना एक भावुक करने वाला किस्सा सुनाया.
प्रियंका गांधी ने कहा कि यहां राजघाट पर बैठे-बैठे मुझे 32 साल पुराना किस्सा याद आया. मेरे पिता की शव यात्रा तीन मूर्ति भवन से निकल रही थी. अपनी मां और भाई के साथ हम एक गाड़ी में बैठे थे. सामने भारतीय सेना का एक ट्रक फूलों से लदा था. उसके ऊपर मेरे पिताजी का शव था. थोड़ी देर काफिला चला तो राहुल ने कहा, मैं उतरना चाहता हूं. उस समय सुरक्षा का मामला था. मां ने कहा, तुम उतर नहीं सकते.
मेरे भाई ने शहीद पिता का अंतिम संस्कार किया- प्रियंका
प्रियंका ने आगे कहा, राहुल ने जिद की. मैने मां से कहा, उतरने दो. राहुल गाड़ी से उतरा और सेना के ट्रक के पीछे चलने लगा. तीन मूर्ति से लेकर कड़ी धूप में अपने पिता के जनाजे के साथ चलते हुए यहां पहुंचा. इस जगह से कुछ 500-700 गज दूर मेरे भाई ने शहीद पिता का अंतिम संस्कार किया.
प्रियंका ने कहा, वो चित्र आज भी मेरे दिमाग में है. मेरे पिता का शव इस तिरंगे झंडे के नीचे लपेटा हुआ था और उस शव के पीछे चलते-चलते मेरा भाई यहां तक आया था.
मेरी मां का अपमान किया जाता है- प्रियंका
प्रियंका ने परिवार के अपमान का मुद्दा उठाते हुए कहा, उस शहीद का पिता का अपना भरी संसद में किया जाता है. उस शहीद के बेटे को आप देशद्रोही कहते हैं. मीरजाफर कहा जाता है. उसकी मां का अपमान किया जाता है. आपके मंत्री मेरा मां का अपमान भरी संसद में करते हैं. आपके एक मंत्री कहते हैं कि राहुल गांधी को पता भी नहीं है कि उनका पिता कौन है.
आपके प्रधानमंत्री भरी संसद में कहते हैं कि ये परिवार नेहरू नाम को इस्तेमाल क्यों नहीं करता. पूरे परिवार का अपमान करते हैं. पूरे कश्मीरी पंडित रिवाज का अपमान करते हैं. लेकिन आप पर कोई मुकदमा नहीं होता. आपको दो साल की कोई सजा नहीं मिलती. आपको जेल की सजा नहीं मिलती. आपको संसद से कोई बाहर नहीं निकालता. मैं पूछती हूं क्यों?
‘क्या भगवान राम परिवारवादी थे?’
परिवारवाद के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, आप परिवारवादी कहते हैं तो भगवान राम कौन थे? क्या वो परिवारवादी थे? क्या पांडव परिवारवादी थे? और हमें क्या शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के सदस्य इस देश के लिए शहीद हुए?