ओम बिरला दूसरी बार बन सकते हैं लोकसभा स्पीकर, जानें राजनीति से लेकर उपलब्धियों तक सबकुछ
नई दिल्ली:18वीं लोकसभा के स्पीकर पद के लिए एनडीए ने ओम बिरला (OM Birla) को उम्मीदवार बनाया है. उनका सामना कांग्रेस के के सुरेश से होगा. ओम बिरला बीजेपी के सीनियर नेता है और 17वीं लोकसभा में भी स्पीकर का पद संभाल चुके हैं. उस समय वह निर्विरोध चुने गए थे. एनडीए ने एक बार फिर से उनको उम्मीदवार बनाया है. वह राजस्थान की कोटा बूंदी सीट से तीसरी बार के सांसद हैं. अगर ओम बिरला लोकसभा स्पीकर का चुनाव जीत जाते हैं तो वह इतिहास बना देंगे. क्यों कि देश के इतिहास में अब तक कोई भी सांसद लगातार दो कार्यकाल में स्पीकर नहीं रहा है. लेकिन ओम बिरला का नाम एनडीए ने फिर से आगे किया है. हालांकि लोकसभा के संख्या बल के हिसाब से उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है.
तीन बार के सांसद ओम बिरला
ओम बिरला का ताल्लुक राजस्थान के कोटा से है. उन्होंने कोटा बूंदी लोकसभा सीट से तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीता है. बीजेपी से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजन को 41974 वोटों से शिकस्त देकर वह लगातार तीसरी बार संसद पहुंचे हैं. RSS का गढ़ माने जाने वाले कोटा के चुनावी मैदान में बीजेपी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर फिर से भरोसा जताया था. जो उन्होंने भी टूटने नहीं दिया. वह कोटा के इतिहास में वैद्य दाऊदयाल जोशी जी के बाद लगातार तीन बार विधानसभा और तीन बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले नेता हैं.
ओम बिरला का राजनीतिक करियर?
ओम बिरला साल 2003 अब तक कोई भी चुनाव हारे नहीं हैं. साल 2003 में उन्होंने कोटा से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. साल 2008 में उन्होंने कोटा दक्षिण सीट से कांग्रेस नेता शांति धारीवाल को शिकस्त दी थी. साल 2013 में उन्होंने तीसरी बार कोटा दक्षिण सीट से चुनाव जीता था. हालांकि लोकसभा चुनाव उन्होंने पहली बार साल 2014 में लड़ा और विजयी भी हुए. तब से लेकर अब तक यानी कि 2019 और 2024 में उन्होंने जीत का ही स्वाद चखा है. साल 2019 में बीजेपी ने जब उनको स्पीकर बनाया, तो हर कोई हैरान रह गया. लंबा संसदीय अनुभव न होने के बाद भी ओम बिरला ने जिस तरह से सदन को चलाया, वह तारीफ-ए-काबिल रहा.
ओम बिरला का निजी जीवन
ओम बिरला का जन्म 23 नवंबर 1962 को राजस्थान के कोटा शहर में हुआ था. उनके पिता का नाम श्रीकृष्ण बिरला और माता का नाम श्रीमती शकुन्तला देवी था. 11 मार्च 1991 को उन्होंने डॉक्टर अमिता बिरला से शादी की. आकांक्षा और अंजलि बिरला नाम की उनकी दो बेटियां हैं. ओम बिरला की पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो उन्होंने साल 1986 में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से एम.कॉम. की डिग्री ली थी.
अब तक किन पदों पर रहे ओम बिरला?
19 जून 2019 को वह सर्वसम्मति से 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए.साल 2019 में वह 17वीं लोकसभा में कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से सासंद चुने गए. साल 2014 में 16वीं लोकसभा में भी वह कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए. साल 2003, 2008 और 2013 में राजस्थान विधानसभा में वह कोटा और कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक चुने गए.साल 2009-10 में वह राजकीय उपक्रम समिति के सदस्य और सामान्य प्रयोजनों संबधी समिति के सदस्य रहे. 1997-2003 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे. 1993-1997 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष रहे. 1987-1991 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा कोटा जिलाध्यक्ष रहे.
ओम बिरला की उपलब्धियां
ओम बिरला ऐसे पहले लोकसभा स्पीकर हैं, जिनके नाम पर नए और पुराने दोनों संसद भवनों में काम करने का रिकॉर्ड है. 17वीं लोकसभा में उनका कार्यकाल काफी चर्चा में रहा. क्यों कि उनके अध्यक्ष रहते ही टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित किया गया. साथ ही बड़ी तादात में सांसदों को भी सस्पेंड किया गया था.