राज्य ब्यूरो, पटना। सासाराम एवं बिहारशरीफ हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सिर्फ राज्यपाल से बातचीत करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी जाहिर की है। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह संघीय व्यवस्था का अपमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश के संविधान को देख लीजिए। क्या केवल गवर्नर से बात की जाती है? या सरकार से कोई बातचीत की जाती है। यह कानून बना हुआ है कि राज्य सरकार की सहमति से कुछ होता है। लोग बोल रहे हैं वो कितना दिन से राजनीति में हैं और हमलोग कितना दिन से राजनीति में हैं।
उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल जी के नेतृत्व में पार्टी थी, वो कितना बढिय़ा से काम करती थी। आजकल ये लोग कुछ काम नहीं कर रहे हैं। सब चीज पर कब्जा कर लिए हैं, केवल अपना प्रचार कर रहे हैं। जहां राज्यों में अच्छा काम होता है उसकी कहीं चर्चा नहीं है। हमलोग इतना काम करते हैं कहीं कोई चर्चा नहीं होती है।
मीडिया से बहुत उम्मीद-सीएम
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दंगाइयों को उल्टा लटकाकर सीधा करने वाले बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप भूल गए जब 2017 में फिर हम इनलोगों के साथ गए थे, तो एक घटना हुई थी। उसमें एक नेता का बेटा शामिल था, तो उसको भी हम गिरफ्तार करवाए थे। ये लोग कभी कुछ किए हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि जो यहां हुआ है आप सभी लोगों को मालूम है। एक-एक आदमी को पता है कि प्रारंभ से ही हमने क्या-क्या किया है।
मीडियाकर्मियों से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपसे हमें काफी उम्मीद है, आप जरा लोगों से अंदर से जाकर बात कीजिए, तब आपको सही बातों का पता चल जाएगा। सुशील मोदी के लाल किला और व्हाइट हाउस फोटो वाले बयान पर कहा कि सुशील मोदी को बोलना ही है, उनके पास और कोई उपाय नहीं है। अगर नहीं बोलेंगे तो भाजपा उनको निकाल देगी।
विपक्षी एकता पर पत्रकारों के पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रयासरत हैं। जो कुछ भी होगा बाद में सब आपलोगों के बताया जाएगा।