Madhya Pradesh

मध्यप्रदेश: पांच माह में छह बार बुंदेलखंड पहुंचे पीएम मोदी, दलित-आदिवासी सीटों पर बीजेपी कर रही फोकस

बुंदेलखंड| मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जहां भाजपा और कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं का राज्य में लगातार प्रवास चल रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक महीने बाद फिर से मध्यप्रदेश के दौरे पर आ गए हैं। पीएम मोदी 14 सितंबर को बीना में पेट्रोकेमिकल प्लांट का भूमिपूजन करने पहुंचे। 18 सितंबर को ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य की स्थापित हो रही प्रतिमा का अनावरण करने के साथ यहां बनने वाले अद्वैत लोक का शिला पूजन करेंगे। 25 सितंबर को भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ में शामिल होने आएंगे। इस तरह प्रधानमंत्री मोदी 12 दिन में तीन बार प्रदेश के दौरे पर आएंगे।

पांच माह में छह बार बुदेलखंड आ चुके हैं पीएम मोदी
पीएम मोदी 14 सिंतबर को एक बार फिर सागर जिले के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने बीना में 50 हजार करोड़ लागत के विशाल पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट का भूमि-पूजन किया। बीपीसीएल की रिफाइनरी वर्ष 2011 से सागर के बीना में चल रही है। अब इसका विस्तारीकरण किया जा रहा है। बीपीसीएल इस प्रोजेक्ट पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इस राशि से भारत पेट्रोलियम द्वारा सागर स्थित बीना रिफाइनरी परिसर में प्रतिवर्ष 2200 किलो टन उत्पादन क्षमता का एक विशाल पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है। इससे पहले पीएम मोदी बीते 12 अगस्त को ही सागर में संत रविदास समरसता यात्रा के समापन समारोह में शामिल हुए थे। सागर के बड़कुमा में प्रधानमंत्री ने संत रविदास जी के स्मारक के भूमि-पूजन किया था।

इसलिए अहम है मध्यप्रदेश का सागर
दरअसल, पीएम मोदी गुरुवार को बुंदेलखंड के सागर जिले बीना के दौरे पर हैं। पिछले पांच महीने में मध्यप्रदेश में ये उनका छठवां कार्यक्रम है। सागर को बुंदेलखंड का सेंटर पॉइंट भी माना जाता है। बुंदेलखंड में कुल 26 सीटें हैं। यहां सबसे अधिक दलित वोटर हैं। उज्जैन-इंदौर के अलावा सागर ही ऐसा जिला है, जहां 5 लाख से अधिक दलित वोटर हैं। बुंदेलखंड से ही दलितों के साथ भेदभाव की सबसे ज्यादा खबरें आती हैं। भाजपा को पता है कि सत्ता में लौटना है, तो दलित वोटरों को साधे बिना ये मुमकिन नहीं होने वाला है।

प्रदेश की एससी सीटों पर पकड़ रखने वाली भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनाव में तगड़ा झटका लगा था। कांग्रेस भाजपा के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने में सफल रही। 2013 की तुलना में कांग्रेस की सीटों में इजाफा हुआ। 14 से बढ़कर 17 हो गईं। जबकि भाजपा 28 से घटकर 18 सीटों पर रह गई। इसी कारण से भाजपा 2018 में बहुमत से पीछे रह गई। प्रदेश में 35 आरक्षित सहित 54 सीटों पर भी दलित वोटर निर्णायक हैं। ये संख्या किसी को भी सत्ता में लाने या बाहर करने के लिए पर्याप्त है। यही कारण है कि भाजपा एससी वोटरों पर बड़ा फोकस कर रही है। इसलिए पीएम मोदी बार-बार यहां दौरा करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

हाल ही में सागर में हुई पीएम मोदी की रैली के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी जनसभा के लिए पहुंचे थे। इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी रैली के लिए सागर पहुंच चुके हैं। इन सभी दलों के निशाने पर बुंदेलखंड क्षेत्र की 29 विधानसभा सीटें हैं। इनमें अनुसूचित जाति वर्ग के 22 फीसदी मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र में सागर, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, निवाड़ी और पन्ना जिले आते हैं। इन छह जिलों में 26 विधानसभा सीटें आती हैं। दतिया की तीन सीटों को और मिला लिया जाए, तो यह 29 सीटें होती हैं।

Related Articles
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button