आज की बड़ी खबरें : सुशासन तिहार में मुख्यमंत्री का समाधान शिविरों पर फोकस, ABVP कार्यक्रम में होंगे शामिल | झांसी में डिप्टी सीएम | मंत्रालय घेराव को तैयार शिक्षक संगठन, पढ़े पूरी ख़बर…

रायपुर, 28 मई 2025 \ छत्तीसगढ़ में आज का दिन राजनीतिक, प्रशासनिक और शिक्षा से जुड़ी हलचलों से भरपूर है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जहां राजधानी रायपुर में ‘सुशासन तिहार’ के अंतर्गत समाधान शिविरों का निरीक्षण और समीक्षा करेंगे, वहीं शाम को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नागरिक अभिनंदन समारोह में बतौर प्रमुख अतिथि शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री का दिनभर का कार्यक्रम तय है। वे सुबह 10 बजे से शाम 5:45 बजे तक समाधान शिविरों का निरीक्षण करेंगे और फिर इन शिविरों की समीक्षा बैठक लेंगे। इसके बाद वे शाम 6 बजे कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में आयोजित ABVP के नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल होंगे, जहां परिषद द्वारा उनका सम्मान किया जाएगा।
डिप्टी सीएम अरुण साव आज झांसी में
वहीं दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव आज उत्तर प्रदेश के झांसी में हैं। वे शाम 4 बजे महारानी अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी स्मृति अभियान कार्यक्रम में भाग लेंगे और कार्यक्रम के बाद रायपुर के लिए रवाना होंगे।
ABVP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक जारी
रायपुर में ABVP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। इस बैठक के हिस्से के रूप में आज नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अलावा कई अन्य गणमान्य लोग शामिल होंगे।
युक्तियुक्तकरण पर शिक्षक संगठनों का विरोध तेज, आज करेंगे मंत्रालय घेराव
स्कूल शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण प्रस्ताव का शिक्षकों ने खुलकर विरोध किया है। शिक्षक संगठनों का आरोप है कि विभाग शिक्षकों के पदों में कटौती कर रहा है और सेटअप में बदलाव कर शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है। इसको लेकर आज शिक्षक संगठनों ने मंत्रालय घेराव का ऐलान किया है।
शाला शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि एकल शिक्षकीय और शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षक भेजने के वे विरोधी नहीं हैं, लेकिन 2008 के सेटअप की तुलना में प्राथमिक और पूर्व प्राथमिक स्कूलों में एक-एक शिक्षक कम करना शिक्षा विरोधी कदम है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग आरटीई एक्ट 2009 की आड़ में अपनी एकतरफा नीति को सही ठहराने की कोशिश कर रहा है, जबकि RTE केवल न्यूनतम मानदंड तय करता है, अधिकतम नहीं।
दुबे ने यह भी कहा कि वर्ष 2023 में राज्य सरकार द्वारा विषयवार शिक्षकों की व्यवस्था को हटाना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि वर्तमान युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शिक्षकों और शिक्षार्थियों दोनों के हितों के खिलाफ है।