छत्तीसगढ़ में हुआ पहले जुरासिक रॉक गार्डन का शुभारंभ, मनेंद्रगढ़ में बने देश के सबसे बड़े फॉसिल पार्क की शुरुआत

मनेन्द्रगढ़, 28 अप्रैल 2025 26 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल ने मनेंद्रगढ़ वनमंडल में स्थित गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क का उद्घाटन किया। यह छत्तीसगढ़ का पहला जुरासिक रॉक गार्डन है, जो अब एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है। इस फॉसिल पार्क में 29 करोड़ वर्ष पुराने समुद्री जीवाश्म मिले हैं, जो इसे देशभर में विशेष बनाता है। भारत में ऐसे जीवाश्म केवल चार अन्य स्थानों – सुबांसुरी (अरुणाचल प्रदेश), राजहरा (झारखंड), दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल), और खेमगांव (सिक्किम) में पाए जाते हैं, लेकिन गोंडवाना फॉसिल पार्क इन सभी में सबसे बड़ा और पुराना है। यह एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा समुद्री जीवाश्म पार्क है।
यह फॉसिल पार्क हसदेव नदी के किनारे लगभग 1 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक का दर्जा भी प्राप्त है। इसकी खोज 1954 में भूवैज्ञानिक एसके घोष ने कोयला खनन के दौरान की थी। यहाँ से द्विपटली (बायवेल्व) जीव, गैस्ट्रोपॉड, ब्रैकियोपॉड, क्रिनॉइड और ब्रायोजोआ जैसे प्राचीन समुद्री जीवों के जीवाश्म मिले हैं, जो अब देशभर के शोधार्थियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं।
वन विभाग द्वारा किए गए संरक्षण कार्यों के तहत, इस क्षेत्र को गुजरात और झारखंड के डायनासोर फॉसिल पार्क की तर्ज पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। हसदेव नदी के किनारे प्राकृतिक हार्ड ग्रेनाइट रॉक्स को काटकर प्राचीन जीवजंतुओं की मूर्तियाँ बनाई गई हैं। अब तक 35 प्राचीन जानवरों की मूर्तियाँ यहाँ बनाई जा चुकी हैं, जो पर्यटकों को पृथ्वी के प्रारंभिक काल के विशालकाय जानवरों के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं।
इसके अलावा, एक इंटरप्रिटेशन सेंटर भी स्थापित किया गया है, जहाँ पर्यटक फॉसिल के पत्थरों को देख सकते हैं और फॉसिल बनने की प्रक्रिया को पेंटिंग के माध्यम से समझ सकते हैं। यहाँ कैक्टस गार्डन और बम्बू सेटम भी विकसित किए जा रहे हैं, और पर्यटक हसदेव नदी में बम्बू राफ्टिंग का भी आनंद ले सकेंगे। यह छत्तीसगढ़ के लिए एक अभिनव पहल है, और वन विभाग की कोशिश है कि गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को राज्य के बड़े पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में स्थापित किया जाए।
स्वास्थ्य मंत्री ने वन विभाग के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले समय में यह पार्क छत्तीसगढ़ का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल बनेगा।