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जशपुर अंचल में लोकप्रिय हो रही है स्ट्रॉबेरी की खेती: प्रति एकड़ 3 से 4 लाख तक कमाई, 60 किसान कर रहे हैं खेती

रायपुर, 24 फरवरी 2025 / छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में स्ट्रॉबेरी की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है। अपने लजीज स्वाद और औषधीय गुणों के कारण इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। राज्य के जशपुर, अंबिकापुर और बलरामपुर क्षेत्रों में कई किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। वर्तमान में इसका उत्पादन स्थानीय स्तर पर ही खपत हो रहा है, लेकिन अधिक लाभ और मांग को देखते हुए किसानों का रुझान इस ओर बढ़ता जा रहा है।

एक एकड़ में 3 से 4 लाख की आमदनी
जशपुर जिले में शुरुआत में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की थी, जो अब बढ़कर 33 किसान और 42 एकड़ हो चुकी है। यहां विंटर डॉन प्रजाति की स्ट्रॉबेरी उगाई जा रही है। किसानों को राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत उद्यानिकी विभाग से तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता प्राप्त हो रही है। किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में उगाई जा रही स्ट्रॉबेरी की गुणवत्ता बेहतरीन है और स्थानीय स्तर पर ताजा फल मिलने से व्यापारियों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।

नाबार्ड और रीड्स संस्था का सहयोग
नाबार्ड की एफएसपीएफ योजना के तहत रीड्स संस्था द्वारा बगीचा विकासखंड के सन्ना, अकरीकाना, लोरो, कोपा, लरंगा और मैना गांव को स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए चयनित किया गया था। साल 2023 में बेहतरीन उत्पादन हुआ, जिससे उच्च गुणवत्ता की स्ट्रॉबेरी प्राप्त हुई। इसे देखते हुए 2024 में उद्यानिकी विभाग ने और अधिक किसानों को इस खेती से जोड़ा और उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान किया। वर्तमान में रीड्स संस्था के मार्गदर्शन में करीब 60 किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं।

धान के मुकाबले 8 से 9 गुना ज्यादा फायदा

स्ट्रॉबेरी की खेती धान की तुलना में कई गुना अधिक लाभदायक है। धान की खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी, अधिक पानी और विशेष तापमान की आवश्यकता होती है, जबकि स्ट्रॉबेरी को सामान्य भूमि और सिंचाई में भी उगाया जा सकता है।

  • धान की खेती में अधिक देखभाल और संसाधनों की जरूरत होती है, जबकि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए कम देखभाल आवश्यक है, केवल ठंडे मौसम की जरूरत होती है।
  • एक एकड़ में धान से 50 हजार रुपए तक की आमदनी होती है, जबकि स्ट्रॉबेरी से 3 से 4 लाख रुपए तक की आमदनी हो सकती है।
  • इस तरह, स्ट्रॉबेरी की खेती धान की तुलना में 8-9 गुना ज्यादा मुनाफा देती है।
  • छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्र जैसे अंबिकापुर, कोरिया, बलरामपुर, सूरजपुर और जशपुर इस खेती के लिए उपयुक्त हैं।

बंजर जमीन पर भी हो रही खेती

जशपुर के किसान धनेश्वर राम ने बताया कि पहले उनके पास जो जमीन थी, वह उपजाऊ नहीं थी और धान की पैदावार बेहद कम होती थी। लेकिन जब उन्होंने विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में फल उत्पादन शुरू किया, तो नाबार्ड संस्था से भी उन्हें सहयोग मिला। आज उनकी स्ट्रॉबेरी की खेती सफल हो रही है और इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है।

छत्तीसगढ़ में स्ट्रॉबेरी की खेती से किसानों को बेहतर आमदनी मिल रही है, जिससे यह व्यवसाय अधिक किसानों को आकर्षित कर रहा है।

Manish Tiwari

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