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बिलासपुर सहकारी बैंक में घोटाला: दो कर्मचारी बर्खास्त, एक का डिमोशन, तीन की वेतन वृद्धि पर रोक

बिलासपुर जिले के सहकारी बैंक में किसानों के खातों से लाखों रुपये की हेरा-फेरी और अन्य वित्तीय गड़बड़ियों का बड़ा मामला सामने आया है। मामले की जांच के बाद बैंक प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए दो कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया, एक कर्मचारी का पद घटा दिया, और तीन कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोक दी है।

जांच और कार्रवाई
सहकारी बैंक की स्टाफ उप समिति ने खातेदारों की शिकायतों के आधार पर जांच की। इसमें पाया गया कि जूनियर क्लर्क हर्षिता पटेल और धर्मेंद्र साहू अनियमितताओं में लिप्त थे। दोनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इसके अलावा, लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर रुचि पांडे का पद घटा दिया गया। तीन अन्य कर्मचारियों—अनामिका साव, अनुपमा तिवारी, और अशोक पटेल—की दो वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है।

मामले की पृष्ठभूमि
खातेदार रामकुमार कौशिक ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बचत खाते से 16 अप्रैल से 16 मई 2020 के बीच 5,57,000 रुपये की निकासी अज्ञात व्यक्ति द्वारा एटीएम के माध्यम से की गई। जांच में पता चला कि कई खातेदारों के खातों से भी इसी तरह पैसे निकाले गए थे, जबकि उन्होंने एटीएम कार्ड के लिए आवेदन ही नहीं किया था।

जांच का निष्कर्ष
जांच में हर्षिता पटेल के खिलाफ आरोप सही पाए गए। बैंक ने उनके स्वीकारोक्ति बयान और पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सेवा से हटा दिया। अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की गई। बैंक ने यह भी निर्णय लिया है कि हेराफेरी की गई राशि और ब्याज की वसूली के लिए सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के तहत सक्षम न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा।

बैंक प्रशासन का बयान
बैंक ने कहा है कि वह खातेदारों की सुरक्षा और विश्वास बहाल करने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए की गई है।

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Manish Tiwari

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