छत्तीसगढ़
Trending

नई बिजली दरों में राहत का पावर पैकेज: छत्तीसगढ़ में नाममात्र वृद्धि, आदिवासी-ग्रामीण और किसानों को मिली बड़ी छूट, शासन उठाएगा अतिरिक्त भार

रायपुर, 11 जुलाई 2025।छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 की नई दरों को स्वीकृति दे दी। यह नई दरें छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज—उत्पादन, पारेषण, वितरण तथा भार प्रेषण केन्द्र के प्रस्ताव के आधार पर घोषित की गईं। कंपनी के प्रबंध संचालक भीमसिंह कंवर ने कहा कि औसतन केवल 1.89 प्रतिशत की नाममात्र वृद्धि की गई है, जिसे संतुलित और उपभोक्ताओं के हित में बताया गया है।

नए दरों के अनुसार, जबकि बिजली की औसत लागत ₹7.02 प्रति यूनिट है, राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम ₹4.10 प्रति यूनिट दर पर विद्युत आपूर्ति की जा रही है। निम्न मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 10 पैसे, और अन्य घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 20 पैसे प्रति यूनिट की मामूली वृद्धि की गई है। यह वृद्धि पिछले वर्षों की तुलना में अत्यंत सीमित है।

कृषि उपभोक्ताओं पर नहीं बढ़ेगा भार

कृषि पम्पों की विद्युत दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, लेकिन इसका सीधा प्रभाव किसानों पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसका पूरा भार राज्य शासन वहन करेगा। साथ ही गैर-सब्सिडी वाले कृषि पंपों को दी जाने वाली ऊर्जा प्रभार में छूट 20% से बढ़ाकर 30% कर दी गई है। खेतों में लगे पंपों के पास 100 वॉट तक लाइट और पंखे के उपयोग की अनुमति भी पूर्ववत जारी रखी गई है।

आदिवासी क्षेत्रों और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता

बस्तर, सरगुजा, दक्षिण एवं उत्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में संचालित स्टे होम्स, अस्पताल, नर्सिंग होम्स, डायग्नोस्टिक सेंटरों को पूर्व की तरह छूट जारी रखी गई है। आदिवासी अंचलों, मुरमुरा-पोहा मिलों और महिला स्व-सहायता समूहों को ऊर्जा दरों में विशेष छूट दी गई है। मुरमुरा व पोहा उद्योगों को मिलने वाली 5% की छूट को बढ़ाकर 10% कर दिया गया है।

ई-व्हीकल चार्जिंग और औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा

पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, लो-वोल्टेज इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग यूनिट्स के लिए दर ₹7.02 प्रति यूनिट और हाई-वोल्टेज के लिए ₹6.32 प्रति केवीएएच निर्धारित की गई है। इससे ई-मोबिलिटी को प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं, प्रिंटिंग प्रेस उपभोक्ताओं को अब गैर-घरेलू से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में शामिल किया गया है जिससे उनकी दरों में कटौती हुई है।

अन्य विशेष प्रावधान

राज्य शासन द्वारा अधिसूचित वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में संचार सुविधा बढ़ाने हेतु लगाए जाने वाले मोबाइल टॉवर्स को 10% ऊर्जा छूट दी गई है। घरेलू और गैर-घरेलू अस्थायी कनेक्शनों के लिए अब पहले की तरह 1.5 गुना की बजाय केवल 1.25 गुना टैरिफ लागू किया गया है। अग्रिम भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को मिलने वाली 0.50% छूट को बढ़ाकर 1.25% किया गया है, जिससे समय पर भुगतान को बढ़ावा मिलेगा।

इन सभी उपायों को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ की नई बिजली दरें सभी वर्गों के उपभोक्ताओं—विशेषकर किसान, महिला, आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों—के लिए हितकारी, संतुलित और दूरदर्शी हैं। राज्य शासन का प्रयास है कि ऊर्जा दरें विकास के मार्ग में बाधा न बनें, बल्कि इसके वाहक बनें।

1001518797 removebg preview
Manish Tiwari

Show More

Related Articles

Back to top button