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छत्तीसगढ़ का मयंक साहू 6 महीने से ईरान-ईराक बॉर्डर पर फंसा : परिजन बेहाल, पीएम मोदी से लगाई गुहार — युद्ध के साए में फंसी मर्चेंट नेवी की जिंदगी, कंपनी ने उठाई वापसी की जिम्मेदारी

कांकेर/रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के कन्हारगांव का रहने वाला मयंक साहू पिछले छह महीने से ईरान में फंसा हुआ है। मर्चेंट नेवी में कार्यरत मयंक, चेन्नई से कोर्स करने के बाद एक ईरानी मर्चेंट कंपनी में 9 महीने के कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी कर रहा था। अब इजराइल-ईरान के बीच बढ़ते युद्ध के हालात के बीच वह अन्य 60 भारतीयों के साथ दुबई शारजाहपुर के लास्ट बॉर्डर पर फंसा हुआ है।

परिजनों ने मयंक की सुरक्षित वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पिता गंगदेव साहू ने भानुप्रतापपुर के अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से पत्र सौंपा है। मयंक की मां ने बताया कि आखिरी बार 23 जून को बेटे से बात हुई थी। कॉल पर मयंक ने कहा कि “हम ईरान-ईराक बॉर्डर पर हैं, हालात अभी ठीक हैं, लेकिन रात में बहुत अंधेरा रहता है और स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।”

कंपनी ने जताई वापसी की जिम्मेदारी

एएन शिपिंग सर्विसेज रैपिड ओशन 11 लिमिटेड के क्रू मैनेजर ने मयंक की वापसी के लिए पहल की है और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रशासन को पत्र लिखा है। कंपनी ने मयंक को वापस लाने के लिए सभी खर्च वहन करने की बात कही है। मयंक को ‘सेनोरिटा’ नामक जहाज के लिए वॉच कीपिंग पोस्ट पर नियुक्त किया गया था और उसने 8 फरवरी 2025 को जॉइनिंग दी थी।

भारत सरकार ने कुछ भारतीयों को लौटाया, लेकिन मयंक अब भी फंसा

भारत सरकार ने हाल ही में ईरान में फंसे कुछ भारतीयों को स्वदेश लाया है, लेकिन मयंक अब तक वहीं फंसा हुआ है। उसके परिजनों ने जिला प्रशासन को पत्र सौंपा है और आश्वासन मिला है कि “बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।” मयंक की मां ने बताया कि ईरान में फंसे अन्य भारतीयों ने भी भारत के राष्ट्रपति और गृहमंत्री से संपर्क किया है और सभी को सुरक्षित निकालने की बात कही गई है।

ASP ने दी जानकारी

भानुप्रतापपुर के एडिशनल एसपी संदीप पटेल ने बताया कि “हमें सूचना मिली है कि कांकेर के मयंक साहू ईरान में फंसे हैं। वर्तमान में वहां युद्ध जैसे हालात हैं। परिजनों ने प्रशासन को अवगत कराया है और विदेश मंत्रालय को जानकारी भेजी जा रही है। कोशिश की जा रही है कि मयंक को जल्द भारत लाया जा सके।”

संपर्क में है मयंक

परिजन अंतरराष्ट्रीय कॉल के माध्यम से मयंक के संपर्क में हैं। मयंक ने एक समाचार पत्र को बताया कि “मैंने कॉन्टैक्ट किया है, कहा गया था कि 2-3 दिन में निकाल लिया जाएगा, लेकिन अब तक कोई जानकारी नहीं मिली।” फिलहाल परिवार को सरकार से मदद की उम्मीद है।


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Manish Tiwari

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