गर्मी में पानी की किल्लत न हो, इसके लिए सरकार अलर्ट: मुख्यमंत्री के निर्देश पर सोलर ड्यूल पंपों की मरम्मत के आदेश, 7 दिन में पूरा होगा रखरखाव कार्य, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई

रायपुर, 26 मार्च 2025 – मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में स्थापित सोलर ड्यूल पंपों के रखरखाव कार्य को सात दिन के भीतर पूर्ण करने के निर्देश क्रेडा के अधिकारियों को दिए गए हैं। जल जीवन मिशन व अन्य मद से संचालित सोलर पेयजल परियोजनाओं की कार्यशीलता शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए सीईओ क्रेडा राजेश सिंह राणा ने अधिकारियों को निर्देशित किया है।

प्रदेश में बढ़ती गर्मी के मद्देनजर 24 मार्च को आयोजित सचिव स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने पेयजल आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने पर जोर दिया। इसके तहत सभी अकार्यशील व आंशिक रूप से अकार्यशील सोलर पंपों को एक सप्ताह के भीतर सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, पेयजल संबंधी शिकायतों के लिए चार अंकों का हेल्पलाइन नंबर सक्रिय करने एवं सेंसर तकनीक के उपयोग से जल बर्बादी रोकने की योजना बनाई गई है।
क्रेडा सीईओ राजेश सिंह राणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला व जोनल अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्थापनाकर्ता इकाइयों के साथ समन्वय कर पेयजल आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आने दें। साथ ही, लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों व इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
सौर सुजला फेस-09 की समीक्षा, समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश
प्रदेश में किसानों के लिए संचालित सौर सुजला योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए 26 मार्च को रायपुर में बैठक आयोजित की गई। सीईओ क्रेडा राजेश सिंह राणा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रायपुर, राजनांदगांव और दुर्ग के जोनल अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।
अब तक कुल 2407 सोलर पंपों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। बैठक में जिलेवार एवं इकाईवार समीक्षा की गई, जिसमें संयंत्र स्थापना में देरी करने वाली इकाइयों को सख्त चेतावनी दी गई। समय पर कार्य शुरू न करने पर उनका लक्ष्य निरस्त कर अन्य सक्रिय इकाइयों को हस्तांतरित करने के निर्देश दिए गए।
इसके अलावा, क्रेडा के सभी जिला प्रभारियों को फील्ड निरीक्षण करने, उपयोग की जा रही सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच करने और ऑनलाइन पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसानों को समय पर सोलर पंप उपलब्ध कराए जा सकें।