चित्रों में उभरा “छत्तीसगढ़ दर्शन”: संस्कार भारती की दो दिवसीय चित्रकला कार्यशाला संपन्न

रायपुर, 12 अक्टूबर 2025// संस्कार भारती छत्तीसगढ़ द्वारा छत्तीसगढ़ रजत जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में दो दिवसीय चित्रमाला निर्माण कार्यशाला का आयोजन 11-12 अक्टूबर को विप्र भवन, समता कॉलोनी रायपुर में किया गया। कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न जिलों — रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, खैरागढ़, जांजगीर-चांपा, दुर्ग, बालोद, महासमुंद, दंतेवाड़ा, रायगढ़, धमतरी, बलोदा बाजार और बस्तर से आए चित्रकारों ने भाग लिया।

इस विशेष आयोजन में कुल 51 चित्रों का सृजन किया गया, जिनमें छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति, परंपराएं, ऐतिहासिक घटनाएं, लोकजीवन और तीज-त्योहारों की झलक देखने को मिली। इन विषयों का चयन छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा द्वारा किया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राज्य की सांस्कृतिक विरासत को रंगों के माध्यम से अभिव्यक्त करना था। संस्कार भारती छत्तीसगढ़ ने इस अवसर को शासन द्वारा मनाए जा रहे छत्तीसगढ़ रजत जयंती महोत्सव से जोड़ते हुए इस कार्यशाला को प्रशासन को समर्पित करने का निर्णय लिया है। संस्था ने आग्रह किया है कि इन कलाकृतियों की भव्य प्रदर्शनी का उद्घाटन आगामी 1 नवंबर को राज्योत्सव के अवसर पर किया जाए।

कार्यशाला के समापन समारोह में संस्कार भारती के प्रांतीय अध्यक्ष रिखी क्षत्री, खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के चित्रकला विभागाध्यक्ष डॉ. विकास चंद्रा, और साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इस दौरान संस्था के महामंत्री हेमंत माहुलिकर, महानगर महामंत्री कबीर चंद्राकर, पुरुषोत्तम चंद्राकर, डॉ. आनंद पांडे, किशोर वैभव, प्रांजल राजपूत, प्रीतेश पांडे, लवकुश तिवारी, अपूर्वा, अंकित, रंजना गुरु, शैलदुलारी सारवा, सूर्यकांता कश्यप, पार्थ महावर सहित बड़ी संख्या में कलाकार और कला प्रेमी उपस्थित थे।

कार्यशाला में प्रतिभागियों द्वारा बनाई गई कुछ प्रमुख कलाकृतियाँ —
- नेहल वैष्णव: खैरागढ़ की कलात्मक छटा
- दिव्या चंद्रा: महानदी राजिम त्रिवेणी संगम, राजीव लोचन मंदिर
- मनहरण देवांगन: आदिवासी सौंदर्य वेशभूषा
- सोनल शर्मा: छत्तीसगढ़ महतारी
- निकिता साहू: रामनामी संप्रदाय, जांजगीर-चांपा
- गिरीश दास: बस्तर दशहरा
- सुजल गुप्ता: सिंचाई और हसदेव बाँगो डैम
- मनीषा धुर्वे: सीता डोंगरा, रामगढ़ की पहाड़ी
- रचना मरकाम: कोसा वस्त्र बुनाई
- शुभम: वीर नारायण सिंह, सोनाखान
संस्कार भारती छत्तीसगढ़ द्वारा जल्द ही एक स्मारिका प्रकाशित की जाएगी, जिसमें इन सभी 51 चित्रों के छायाचित्र और कलाकारों का विवरण शामिल रहेगा।



