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सीमावर्ती गांवों के पुनर्वास के लिए नवीन जिन्दल की बड़ी पहल — जिन्दल स्टील के 20,000+ कर्मचारी देंगे एक दिन का वेतन

रायपुर, 20 मई 2025 – ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता ने जहां देश को गौरवान्वित किया है, वहीं जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तानी गोलाबारी से उत्पन्न मानवीय संकट ने कई परिवारों को विस्थापन और पीड़ा झेलने पर मजबूर कर दिया है। इस संकट की घड़ी में जिन्दल स्टील के चेयरमैन एवं कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिन्दल ने एक मानवीय और संवेदनशील पहल करते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के पुनर्वास में सहयोग का संकल्प लिया है।

नवीन जिन्दल ने घोषणा की है कि जिन्दल स्टील समूह के 20,000 से अधिक कर्मचारी स्वेच्छा से अपना एक दिन का वेतन राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए देंगे। यह योगदान केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकजुटता और जिम्मेदारी का प्रतीक है।

नवीन जिन्दल ने कहा, “सीमा पर रहने वाले हमारे नागरिक भी सैनिकों से कम नहीं हैं। उनका साहस और बलिदान प्रेरणादायक है। आज जब वे कठिनाई में हैं, तो उनकी मदद करना हमारा नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है।” उन्होंने देशवासियों से भी इस पुनीत कार्य में योगदान देने की अपील की है।

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई के दौरान कई भारतीय गांव पाकिस्तानी गोलाबारी की चपेट में आए, जिससे अनेक नागरिक विस्थापित हुए। इस मानवीय संकट के मद्देनज़र जिन्दल स्टील का यह कदम राहत प्रयासों को महत्वपूर्ण बल देगा।

यह कोई पहला अवसर नहीं है जब जिन्दल स्टील ने राष्ट्र संकट में योगदान दिया हो। इससे पूर्व कंपनी ने कोविड-19 के दौरान ऑक्सीजन आपूर्ति, भोजन वितरण और पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया था। 2013 की उत्तराखंड आपदा में भी कंपनी ने सक्रिय सहयोग दिया था।

नवीन जिन्दल की यह पहल न केवल सामाजिक उत्तरदायित्व का उदाहरण है, बल्कि सीमावर्ती नागरिकों के लिए यह एक विश्वास का संदेश भी है कि संकट की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। जिन्दल स्टील परिवार की यह एकजुटता पुनर्वास की दिशा में एक मजबूत कदम और राष्ट्र सेवा की भावना को जीवंत करने वाला संकल्प है।

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Manish Tiwari

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