छत्तीसगढ़ में भारतमाला घोटाले पर एसीबी-EOW का बड़ा एक्शन: रायपुर समेत 5 जिलों में 20 ठिकानों पर छापेमारी, 220 करोड़ की मुआवजा बंदरबांट की जांच तेज

रायपुर, 25 अप्रैल 2025
छत्तीसगढ़ में भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ी के मामले में एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) और EOW (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग) ने प्रदेशभर में बड़ी कार्रवाई शुरू की है। इस कार्रवाई के तहत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 20 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि यह रेड रायपुर, दुर्ग, भिलाई, आरंग और अन्य जिलों में की जा रही है। एसीबी और EOW की संयुक्त टीम ने इन ठिकानों पर छापेमारी के दौरान दस्तावेज़ और प्रमाण जुटाने की कोशिश की है जो भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
क्या है मामला?
भारत सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में रायपुर से विशाखापट्टनम तक 950 किमी लंबी सड़क बनाई जा रही है। इस परियोजना में रायपुर से विशाखापट्टनम तक फोर लेन और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क निर्माण प्रस्तावित है। इसके लिए कई किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई, जिसके बदले उन्हें मुआवजा मिलना था। हालांकि, कई किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है, वहीं दूसरी ओर मुआवजे के नाम पर सरकारी फंड का दुरुपयोग कर करोड़ों की बंदरबांट की गई।शुरुआती जांच में सामने आया था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने आपसी मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के जरिए लगभग ₹43 करोड़ की मुआवजा राशि हड़प ली। विस्तृत जांच के बाद यह आंकड़ा ₹220 करोड़ से अधिक तक पहुंच गया है। अब तक EOW को ₹164 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन से संबंधित रिकॉर्ड प्राप्त हो चुके हैं।