
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 7 जुलाई को कांग्रेस द्वारा ‘किसान, जवान, संविधान’ रैली का आयोजन किया जाएगा। यह रैली साइंस कॉलेज मैदान में होगी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल होकर जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली की घोषणा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट ने राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की।
सचिन पायलट ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि साय सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पिछले डेढ़ साल में ₹37,000 करोड़ से अधिक का कर्ज लिया है, जबकि 17 से ज्यादा जनकल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी गई हैं। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर भी चिंता जताई और कहा कि एसपी-कलेक्टर कार्यालय में आगजनी, हत्या, बलात्कार, डकैती, और पुलिस हिरासत में मौतों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों से किए गए वादे भी पूरे नहीं किए हैं।
पायलट ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी चरम पर है। कांग्रेस सरकार के समय बेरोजगारी दर शून्य प्रतिशत थी, जबकि भाजपा सरकार ने 5 वर्षों में 1 लाख नौकरियां देने का वादा किया था। इसके बावजूद पिछले डेढ़ साल में कोई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। उन्होंने बताया कि 33,000 शिक्षक पद खाली हैं और बस्तर जूनियर चयन बोर्ड को भी निष्क्रिय कर दिया गया है।
राज्य में भ्रष्टाचार और कुशासन को लेकर पायलट ने कहा कि सरकार के सुशासन के दावे खोखले हैं। उन्होंने अरंग में दो लोगों की भीड़ द्वारा हत्या, राजधानी में छह गोलीकांड, गौ-तस्करी, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध, जैसे पोटा केबिन में आग से बच्चे की मौत, नाबालिग का मां बनना, और नारायणपुर के स्कूल में छात्राओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नक्सल गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है, जबकि सरकार के पास अब तक कोई स्पष्ट नक्सल नीति नहीं है।
पायलट ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं और बालू माफिया की मिलीभगत के कारण बालू की कीमतें तीन गुना बढ़ गई हैं और हर दिन हिंसक घटनाएं हो रही हैं। इसी तरह उन्होंने खरीफ सीजन में डीएपी और एनपीके खाद की भारी कमी को लेकर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य को 3 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता है, जबकि सरकार ने सिर्फ 80,000 मीट्रिक टन ही उपलब्ध कराया है। इससे किसान बुवाई और रोपाई के लिए जूझ रहे हैं।
शराबबंदी के मुद्दे पर भी पायलट ने सरकार को घेरा और कहा कि राज्य में अवैध शराब बिक्री चरम पर है। पान दुकानों और किराना स्टोर्स में शराब बिक रही है। अवैध होलोग्राम का इस्तेमाल हो रहा है और राजधानी में भी शराब खुलेआम बेची जा रही है। उन्होंने कहा कि साय सरकार ने 67 नई शराब दुकानें खोल दी हैं, और ‘प्रिफर्ड ऐप्स’ को मंजूरी देकर शराब बिक्री को बढ़ावा दिया है, जो कि भाजपा की शराबबंदी की मांग को सिर्फ एक राजनीतिक ढोंग साबित करता है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में शिक्षा विभाग की ‘रैशनलाइजेशन प्रक्रिया’ के जरिए सरकार 10,463 स्कूलों को बंद करने जा रही है, जिससे 45,000 से अधिक शिक्षक पद खत्म होंगे। उन्होंने इसे शिक्षा और रोजगार विरोधी नीति बताते हुए कहा कि यह निर्णय बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी इलाकों के बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा।
बिजली आपूर्ति को लेकर भी उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ बिजली सरप्लस राज्य था, जहां 23 घंटे बिजली मिलती थी और आधी बिजली बिल योजना लागू थी। लेकिन अब राज्य में बिना सूचना के बिजली कटौती हो रही है और 17 महीनों में कई बार बिजली दरें बढ़ाई गई हैं।
अंत में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए कांग्रेस नेताओं को निशाना बना रही है, लेकिन कांग्रेस इसके खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ेगी।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विपक्ष के नेता चरणदास महंत, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू और मोहन मरकाम, प्रभारी सचिव जरीता लैतफलांग और विजय जांगिड़, राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम, पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, अमरजीत भगत, उमेश पटेल, जयसिंह अग्रवाल, संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, विधायक देवेंद्र यादव, विकास उपाध्याय, अतल श्रीवास्तव, गिरीश देवांगन, आकाश शर्मा सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।