स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का बड़ा दावा: डेंगू नियंत्रण में छत्तीसगढ़ बना मिसाल, 65% मामलों में आई गिरावट, बोले- “सरकार की प्राथमिकता है हर नागरिक को सुरक्षित और स्वस्थ रखना”

रायपुर, 15 मई 2025 डेंगू जैसे गंभीर वायरल संक्रमण की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए गए सघन जनजागरूकता और निगरानी अभियानों के सार्थक परिणाम सामने आए हैं। राज्य में वर्ष 2025 की पहली तिमाही में डेंगू के मामलों में 65 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यह जानकारी राष्ट्रीय डेंगू दिवस की पूर्व संध्या पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि, “राज्य सरकार ने डेंगू नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। समय रहते उठाए गए प्रभावी कदम और जनभागीदारी से ही यह उल्लेखनीय गिरावट संभव हुई है। यह प्रदेश की सजग स्वास्थ्य प्रणाली और जागरूक नागरिकों की संयुक्त उपलब्धि है।”
सुधार के पीछे बहुस्तरीय रणनीति
राज्य में डेंगू नियंत्रण के लिए की गई व्यापक कार्ययोजना के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किया गया। साथ ही, फॉगिंग, घर-घर सर्वे, लार्वा नष्टिकरण अभियान, और विशेष जांच शिविरों की व्यवस्था से समय पर पहचान और उपचार में सफलता मिली। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और रायगढ़ जैसे डेंगू प्रभावित जिलों में भी केसों में बड़ी गिरावट देखी गई है।
सामुदायिक सहभागिता बनी बदलाव की कुंजी
पंचायतों, स्कूलों, और नगरीय निकायों द्वारा चलाए गए जनजागरूकता कार्यक्रमों और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से डेंगू रोकथाम को बल मिला। नागरिकों ने जलजमाव हटाने, साफ-सफाई बनाए रखने और मच्छरों से बचाव के उपायों को अपनाकर अभियान को सफल बनाया।
डेंगू से बचाव ही सबसे बड़ा उपचार
डेंगू एडिस मच्छर के काटने से फैलता है, जो साफ और स्थिर जल में पनपते हैं। इसलिए पानी की टंकियों, कूलरों, गमलों आदि की नियमित सफाई और जलजमाव रोकना अत्यंत आवश्यक है। विशेषज्ञों ने मच्छरदानी, पूर्ण आस्तीन के कपड़े पहनने और घरों की खिड़कियों-दरवाजों पर जाली लगाने की सलाह दी है। तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की अपील की गई है।
राष्ट्रीय डेंगू दिवस 16 मई को
डेंगू के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के लिए 16 मई को पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाएगा। इस दिन विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम, रैलियां और स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर आम जनता को डेंगू से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी।
डेंगू पर नियंत्रण, जनस्वास्थ्य में सुधार की दिशा में छत्तीसगढ़ की यह पहल एक प्रेरणास्पद मिसाल बनकर उभरी है।