संस्कृत बने जन-जन की भाषा: उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल श्रीमती चित्रलेखा साहू
छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामडलम् द्वारा आयोजित प्रदेश स्तरीय संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों का 5 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 11 से 15 सितम्बर तक आयोजित किया गया। समापन कार्यक्रम छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष श्रीमती चित्रलेखा साहू के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। उन्होंने समापन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि संस्कृत जन-जन की भाषा बने। संस्कृत की सूक्तियां हृदयग्राही होती हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाना है। संस्कृत में संभाषण होना चाहिए, इसके लिए संस्कृत सीखना चाहिए।
प्रशिक्षण में शिक्षकों को व्याकरण, साहित्य, वेद, ज्योतिष, दर्शन, अर्थशास्त्र सहित पोरोहित्यम, प्रवचनम्, ज्योतिषशास्त्र, योगदर्शन एवं आयुर्वेद का प्रशिक्षण विषय-विशेषज्ञों द्वारा किया गया। प्रशिक्षण में लगभग 80 शिक्षकों ने सहभागिता की। यह प्रशिक्षण संस्कृत विद्यामंडलम् के सदस्य डॉ. तोयनिधि वैष्णव, डॉ. रामकिशोर मिश्र, डॉ. संतोष तिवारी, डॉ. सत्येन्द्र शर्मा, डॉ. कुंजदेव मनीष, श्री ललित शर्मा एवं श्री बी.पी. तिवारी द्वारा दिया गया।
समापन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामडलम् के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार शर्मा, सदस्य डॉ. तोयनिधि वैष्णव, सचिव डॉ. अल्का दानी, सहायक संचालक श्री लक्ष्मण प्रसाद साहू, डॉ. गरिमा ताम्रकार सहित बड़ी संख्या में प्रशिक्षार्थी उपस्थित थे