छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023:कांग्रेस का लक्ष्य सत्ता दोहराना, भाजपा का वापस पाना
वर्ष 2014 के आम चुनाव के बाद कांग्रेस ने अकेले दम पर जिस राज्य के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत दर्ज की वह छत्तीसगढ़ है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटें जीतकर सरकार बनाई और भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई। छत्तीसगढ़ में लड़ाई कांग्रेस-भाजपा के बीच रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल प्रति एकड़ 20 क्विंटल और 2,800 रु. क्विंटल दर से धान खरीदी, रूरल डेवलपमेंट पार्क और बेरोजगारी भत्ता देने जैसी घोषणाओं के सहारे वापसी की उम्मीद में हंै। वहीं, भाजपा कांग्रेस की नाकामियों-अंतर्कलह को मुद्दा बनाकर पीएम मोदी के चेहरे के दम पर राज बदलने की तैयारी में जुट गई है।
सीएम बघेल ने हालिया बजट में 2,500 रु. बेरोजगारी भत्ता देकर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, होमगार्ड, कोटवारों का मानदेय बढ़ाकर, युवाओं, महिलाओं और कर्मचारियों को साधने की कोशिश की। दूसरी ओर, 15 साल लगातार सत्ता में रह चुकी भाजपा के बड़े नेता जमीन वापस पाने के लिए सड़क पर उतर आए हंै। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, धर्मांतरण व कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा ने आंदोलन किए हैं ।
भाजपा ने प्रधानमंत्री आवास को लेकर भी रायपुर में बड़ा आंदोलन किया। इन सबके बीच, छत्तीसगढ़ के पहले सीएम रहे स्व. अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सामने अस्तित्व बचाने की चुनौती है। वहीं, ‘आप’ ने भी अपनी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। हाल ही में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ प्रदेश में रैली की है।
2018: भाजपा का वोट 10% और सीटें 34 घटीं
- 2013: भाजपा को 42.3% वोट और 49 सीट मिलीं, कांग्रेस को 41.6% वोट व 39 सीट मिलीं।
- 2008: भाजपा को 40.3% वोट 50 सीटें, कांग्रेस को 38.6% वोट 38 सीटें मिलीं।
- 2019: लोस में भाजपा को 9 सीटें (51.4% वोट) और कांग्रेस को 41.5% वोट 2 सीटें मिलीं।
कांग्रेस: विधायकों से नाराजगी बड़ी चुनौती
कांग्रेस में कथित ढाई-ढाई साल सीएम फाॅर्मूले को लेकर खींचतान रही। पर, कांग्रेस अधिवेशन के बाद बघेल के लिए कोई चुनौती नहीं रह गई। हालांकि, कांग्रेस विधायकों के खिलाफ लोगों की नाराजगी है। ऐसे में सरकार ने जनघोषणा पत्र के बड़े वादे पूरे करने की पहल करके सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है।
भाजपा में चेहरे को लेकर असमंजस जारी
भाजपा विधानसभा चुनाव में किस चेहरे पर जाएगी, इस पर सहमति नहीं है। भाजपा ने ओबीसी नेता अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष और नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाया। पूर्व सीएम रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल समेत सभी बड़े नेताओं को एक मंच पर भी लाया गया, पर चेहरा तय नहीं हुआ।
उपचुनाव से कांग्रेस और मजबूत
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सभी 5 उपचुनाव कांग्रेस जीती। इनमें 2-2 सीटें कांग्रेस और जनता कांग्रेस-छग की और एक भाजपा की थी। इन 5 सीटों पर जीत के बाद कांग्रेस की संख्या 71 हाे गई। दूसरी ओर, भाजपा के 14, जनता कांग्रेस के 3, बसपा के 2 विधायक हैं।
सभी 14 महापौर भी कांग्रेस के
सभी 14 नगर निगमों में कांग्रेस महापौर हैं। 43 नगर पालिका में 41 पर कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। 112 नगर पंचायतों में 105 पर कांग्रेस अध्यक्ष हैं। भाजपा राज में (2014) नगरीय निकायों में कांग्रेस का बराबर का दबदबा था। दस महापौरों में 4-4 कांग्रेस-भाजपा के और दो निर्दलीय थे।