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शेयर बाजार हुआ क्रैश : सेंसेक्स 1100 अंक टूटा; निफ्टी में भी तेज गिरावट,  शेयर बाज़ार में चार लाख करोड़ रुपए का नुकसान

प्रमोद मिश्रा

मुंबई, 3 मई 2024|

शेयर मार्केट में शुक्रवार का ट्रेडिंग सेशन निवेशकों के लिए निराशाजनक रहा और देखते ही देखते निफ्टी और सेंसेक्स में बड़ी गिरावट हो गई. निफ्टी ने आज सुबह 22795 का नया हाई बनाया, लेकिन इस लेवल से तेज़ सेलिंग प्रेशर आया, जो निफ्टी को 22348 के डे लो लेवल पर ले गया. निफ्टी अपने डे हाई लेवल से 447 पॉइंट गिर गया.

बैकिंग और आईटी इंडेक्स एक प्रतिशत तक गिर गए. इस दौरान इंडिया विक्स 12 प्रतिशत बढ़ गया और 15 के लेवल पर जा पहुंचा. टॉप लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप की बात करें तो चार लाख करोड़ रुपए का मार्केट कैप कम हो गया.

आइए जानते हैं शेयर मार्केट में शुक्रवार को हुई इस तेज़ गिरावट के पीछे क्या कारण हैं.

हैवीवेट स्टॉक की गिरावट

रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसे हैवीवेट इंडेक्स में बिकवाली के दबाव ने पूरे बाज़ार को प्रभावित किया और देखते ही देखते बाज़ार में पेनिक सेलिंग होने लगी. बीएसई-लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में भी 4.25 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई.

ये स्टॉक इंडेक्स के मूवमेंट को कंट्रोल करते हैं. आज के गिरावट की चपेट में ऐसे आए कि पूरी मार्केट में ही सेलिंग प्रेशर आ गया.

ऊंचे लेवल से प्रॉफिट बुकिंग

पिछले कई दिनों से कहा जा रहा है कि भारतीय बाज़ार हाई वैल्यूएशन में काम कर रहे हैं. बाज़ारों के पास इतनी बढ़त के बाद आगे जाने का कोई ट्रिगर नहीं रह गया था, इसलिए ऊंचे लेवल से प्रॉफिट बुकिंग आने की आशंका कई एक्सपर्ट्स जता चुके थे.

फेड मीट के बाद करेक्शन ड्यू था

अमेरिका में फेड मीटिंग के दौरान रेट कट को लेकर कोई फौरन राहत नहीं दिये जाने से बैंकिंग सेक्टर में उदासी थी. मार्केट में एक करेक्शन ड्यो लग रहा था. बैंकिंग स्टॉक नीचे गिरने का ट्रिगर तलाश कर रहे थे, जो उन्हें शुक्रवार को मिला.

इंडिया VIX

इंडिया VIX वॉलेटिलिटी इंडेक्स, मार्केट की वॉलिटिलिटी का एक पैमाना है. यह 12% से अधिक बढ़कर 15.12 हो गया, जो मार्केट के सेंटीमेंट्स पर असर डालने वाले कारकों में से एक है. Q4 की कमाई, चल रहे चुनाव का मौसम और यूएस फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती का समय आगे बढ़ना, इन सभी फैक्टरों ने मिलकर विक्स बढ़ाया.

एशियाई बाजारों की कमज़ोरी

सिर्फ डी-सेंट ही नहीं, बल्कि कई प्रमुख एशियाई फ्रंटलाइन इंडेक्स भी लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे. इनमें जापानी निक्केई 37 अंक या 0.10% की गिरावट के साथ 38,236.07 पर था. चीन का शंघाई कंपोजिट नेगेटिव सेंटीमेंट्स के साथ 0.26% की गिरावट के साथ 3,104.82 पर कारोबार कर रहा था. इसी तरह दक्षिण कोरिया का कोस्पी भी 0.30% गिरा.

Manish Tiwari

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