“सुपर CM” चैतन्य बघेल की ED से गिरफ्तारी: हवाला से करोड़ों की डील, पप्पू बंसल और महादेव ऐप से कनेक्शन बेनकाब

रायपुर, 19 जुलाई 2025।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को रायपुर की विशेष अदालत ने चैतन्य को पांच दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया। यह गिरफ्तारी शराब घोटाले, कोल घोटाले और चर्चित महादेव ऐप मामले से जुड़े हवाला नेटवर्क की जांच के बाद की गई है।
ईडी के अनुसार, पप्पू बंसल और होटल कारोबारी विजय अग्रवाल के जरिए चैतन्य बघेल तक हवाला के जरिए करोड़ों रुपये पहुंचाए गए। जांच में सामने आया कि इन पैसों को चैतन्य ने विभिन्न राज्यों में निवेश किया।
मार्च से चली आ रही थी जांच, रेड में मिले पेन ड्राइव और दस्तावेज
ईडी की टीम ने 10 मार्च 2025 को बस्तर, भिलाई और रायपुर में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पप्पू बंसल और विजय अग्रवाल के निवास व कार्यालय शामिल थे। कार्रवाई में जब्त की गई पेन ड्राइव, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और दस्तावेजों की जांच के बाद ईडी को अहम सबूत मिले।
जांच में पाया गया कि चैतन्य बघेल को हवाला नेटवर्क के माध्यम से फंड ट्रांसफर हुआ, जिसमें बंसल और अग्रवाल जैसे कारोबारी शामिल थे। ईडी ने कोर्ट में बताया कि इन पैसों को रियल एस्टेट, होटल और अन्य क्षेत्रों में निवेश किया गया।
15 जुलाई को होटल कारोबारी के ठिकानों पर भी रेड, महादेव ऐप कनेक्शन हुआ उजागर
15 जुलाई को ईडी ने एक होटल कारोबारी के ठिकानों पर दोबारा छापेमारी की। यह कारोबारी महादेव ऐप के खजांची की राजस्थान में हुई शादी में शामिल हुआ था। पूछताछ में उसने चैतन्य बघेल के महादेव ऐप से जुड़े होने की जानकारी दी।
चैतन्य को बताया गया ‘सुपर सीएम’
इससे पहले वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में चैतन्य बघेल को ‘सुपर सीएम’ करार देते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में सत्ता के समानांतर कारोबारी नेटवर्क खड़ा कर लिया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से कहा था, “भूपेश बघेल के बेटे ने ‘सुपर सीएम’ की भूमिका निभाते हुए जनता पर अत्याचार किए, जिससे खुद मुख्यमंत्री के लिए भी दोबारा विधायक बनना मुश्किल हो गया।”
क्या हैं आरोप:
- हवाला नेटवर्क के जरिए करोड़ों का लेन-देन
- पप्पू बंसल और विजय अग्रवाल के जरिए पैसा पहुंचा
- महादेव ऐप के खजांची से संबंध
- अलग-अलग राज्यों में फंड इन्वेस्टमेंट
- पेन ड्राइव और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ में मिले लेन-देन के सबूत
ईडी की टीम अब इन निवेशों और चैतन्य के अंतरराज्यीय संपर्कों की पड़ताल कर रही है। अगले कुछ दिनों में और भी बड़े नाम सामने आने की संभावना है।