10 साल की अनविका ने रचा इतिहास: एवरेस्ट बेस कैंप फतह करने वाली छत्तीसगढ़ की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनी

रायपुर। राजधानी रायपुर की 10 वर्षीय अनविका अग्रवाल ने अपने साहस और जज्बे से ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। अनविका ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप (5,364 मीटर) तक का कठिन ट्रेक बिना किसी पर्वतारोहण प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक पूरा किया है।
गौर करने वाली बात यह है कि अनविका ने यह उपलब्धि बेहद विषम परिस्थितियों में, माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तापमान में 11 दिनों की कठिन चढ़ाई कर हासिल की। इस साहसिक अभियान के साथ ही अनविका का नाम छत्तीसगढ़ की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही के तौर पर दर्ज हो गया है।
अभ्यास बनी ताकत, माता-पिता बने हमसफर
अनविका ने पर्वतारोहण की कोई औपचारिक ट्रेनिंग नहीं ली थी, लेकिन उन्होंने अपने माता-पिता और बहन के साथ नियमित दौड़ लगाना और सीढ़ियां चढ़ने जैसी घरेलू तैयारियों से खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार किया। यात्रा के दौरान उनकी तबीयत थोड़ी बिगड़ी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पूरा ट्रेक पूरा किया।
उनकी इस रोमांचक यात्रा में माता-पिता हर कदम पर उनके साथ रहे। सर्द हवाओं, ऑक्सीजन की कमी और कठिन ट्रेकिंग के बावजूद अनविका ने साहस का परिचय दिया और हर चुनौती को पार करते हुए एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंच गई।
किताब भी लिख चुकी है अनविका
अनविका न सिर्फ एक होनहार पर्वतारोही हैं, बल्कि पढ़ने-लिखने की भी शौकीन हैं। 10 साल की उम्र में ही वह एक किताब भी लिख चुकी हैं, जो उनके रचनात्मक कौशल का प्रमाण है।
अब अनविका का अगला लक्ष्य माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचना है और इस सपने को सच करने के लिए उन्होंने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। अनविका की यह सफलता छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे देश के लिए गर्व की बात है।