Controversy over SP Yashpal Singh’s IPS Promotion: गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार और UPSC से मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली/रायपुर, 20 जून 2025
मोहला-मानपुर जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) यशपाल सिंह की नियुक्ति और उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में पदोन्नति देने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मामले में सोशल एक्टिविस्ट विवेक कुमार सिंह की शिकायत के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ शासन और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से स्पष्टीकरण मांगा है। मंत्रालय ने इस पूरी प्रक्रिया की जांच और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता के अनुसार, यशपाल सिंह जो पहले सीमा सुरक्षा बल (BSF) में कमांडेंट थे, उन्हें नियमों की अनदेखी करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस सेवा में समायोजित कर लिया गया। इसके बाद, उन्हें वर्ष 2019 में IPS अवॉर्ड दिया गया और 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी के रूप में उनकी वरिष्ठता निर्धारित कर दी गई।
गंभीर आरोप:
- शिकायत में दावा किया गया है कि यशपाल सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) में एक जांच लंबित थी, बावजूद इसके उन्हें IPS में पदोन्नत कर दिया गया।
- पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और नियमानुसार चयन प्रक्रिया के उल्लंघन की बात कही गई है।
PSC और पुलिस एसोसिएशन भी थे नाराज़
केन्द्रीय गृह मंत्रालय को मिली जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) और राज्य पुलिस ऑफिसर्स एसोसिएशन—दोनों ने इस समायोजन और पदोन्नति पर आपत्ति दर्ज कराई थी। बावजूद इसके, यशपाल सिंह को न सिर्फ आईपीएस बनाया गया, बल्कि उन्हें 2013 बैच की वरिष्ठता भी दे दी गई।
गृह मंत्रालय ने जांच के दिए निर्देश
गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव और UPSC सचिव को पत्र लिखते हुए चार अहम बिंदुओं पर स्पष्टीकरण और जांच के निर्देश दिए हैं:
- BSF से राज्य पुलिस सेवा में समायोजन की वैधता।
- 2019 की IPS चयन प्रक्रिया में उनका नाम शामिल करने की प्रक्रिया।
- EOW जांच लंबित रहने के बावजूद IPS अवॉर्ड का औचित्य।
- PSC और एसोसिएशन की आपत्तियों को नज़रअंदाज़ किए जाने की स्थिति।
अब इस पूरे मामले पर राज्य सरकार और UPSC की प्रतिक्रिया का इंतजार है। अगर जांच में गड़बड़ी पाई जाती है, तो यह मामला छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा में संस्थागत पारदर्शिता और नियमबद्ध नियुक्ति पर बड़ा सवाल बन सकता है।