Business

SBI vs पोस्ट ऑफिस RD:निवेश करने से पहले जान लें कहां पैसा लगाना रहेगा ज्यादा फायदेमंद, यहां समझें पूरा गणित

पोस्ट ऑफिस रिकरिंग डिपॉजिट (RD) पर अब आपको ज्यादा ब्याज मिलेगा। सरकार ने 1 अप्रैल से इसकी ब्याज दर को 5.8% से बढ़ाकर 6.2% कर दिया है। इससे पहले फरवरी में देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने भी RD की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। इस समय ये RD पर अधिकतम 7% ब्याज दे रहा है। हम आपको SBI और पोस्ट ऑफिस RD के बारे में बता रहे हैं। ताकि आप सही जगह निवेश कर सकें।

सबसे पहले समझें RD क्या है?
रिकरिंग डिपॉजिट, या RD बड़ी बचत में आपकी मदद कर सकती है। आप इसका इस्‍तेमाल गुल्लक की तरह कर सकते हैं। मतलब आप इसमें हर महीने सैलरी आने पर एक निश्चित रकम डालते रहें और इसके मैच्योर होने पर आपके हाथ में बड़ी रकम होगी।

Related Articles

SBI RD से जुड़ी खास बातें

  • SBI में आप 1 साल से लेकर 10 साल तक के लिए निवेश कर सकते हैं।
  • SBI RD पर अधिकतम 7% अधिकतम ब्याज मिल रहा है।
  • सीनियर सिटीजन को इस पर 0.50% ज्यादा ब्याज मिलता है।
  • इसमें मिनिमम 100 रुपए हर महीने निवेश कर सकते हैं।
  • इससे ज्यादा 10 के मल्टीपल में आप कोई भी रकम जमा करा सकते हैं।
  • मैक्सिमम जमा राशि की कोई लिमिट नहीं है।

पोस्ट ऑफिस RD से जुड़ी खास बातें

  • इंडिया पोस्ट की RD पर 6.2% ब्याज मिल रहा है।
  • इसमें मिनिमम 100 रुपए हर महीने निवेश कर सकते हैं।
  • इससे ज्यादा 10 के मल्टीपल में आप कोई भी रकम जमा करा सकते हैं।
  • मैक्सिमम जमा राशि की कोई लिमिट नहीं है। 

कहां निवेश करने पर कितना रिटर्न?
अगर आप पोस्ट ऑफिस RD में 5 साल के लिए हर महीने हजार रुपए निवेश करते हैं तो 5 साल बाद आपको करीब 70 हजार 431 रुपए मिलेंगे। वहीं अगर आप SBI की RD में 5 साल तक हर महीने हजार रुपए निवेश करते हैं तो आपको 70 हजार 989 रुपए मिलेंगे। हम यहां आपको बता रहे हैं कि 5 साल की RD में हर महीने हजार और 2 हजार रुपए निवेश करके आप कितना फंड तैयार कर सकते हैं।

रिकरिंग डिपॉजिट (RD) से होने वाली ब्याज आय अगर 40 हजार रुपए (सीनियर सिटीजन के मामले में 50 हजार रुपए) तक है तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता। इससे ज्यादा आय होने पर 10% TDS काटा जाता है।

इनकम टैक्स के दायरे में नहीं हैं तो फॉर्म 15H और 15G करें जमा
अगर आपकी RD से सालाना ब्याज आय 40 हजार रुपए (सीनियर सिटीजन के मामले में 50 हजार रुपए) से अधिक है, लेकिन आपकी कुल सालाना आय (ब्याज आय मिलाकर) उस सीमा तक नहीं है, जहां उस पर टैक्स लगे तो बैंक TDS नहीं काटता है।

इसके लिए सीनियर सिटीजन को बैंक में फॉर्म 15H और अन्य लोगों को फॉर्म 15G जमा करना होता है। फॉर्म 15G या फॉर्म 15H खुद से की गई घोषणा वाला फॉर्म है। इसमें आप यह बताते हैं कि आपकी आय टैक्स की सीमा से बाहर है। जो इस फॉर्म को भरता है उसे टैक्स की सीमा से बाहर रखा जाएगा।

Manish Tiwari

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button