जशपुर में मोटे अनाज से बेकरी उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण: पोषण और रोजगार दोनों पर फोकस

रायपुर, 22 नवंबर 2025।
जशपुर में एनआईएफ़टीईएम द्वारा मोटे अनाज आधारित बेकरी उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें पोषण तत्वों से लेकर संभावित रोजगार अवसरों तक की विस्तृत जानकारी साझा की गई। प्रशिक्षण के दौरान एनआईएफ़टीईएम के छात्रों ने मोटे अनाज में मौजूद फ़ाइबर, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स के महत्व को बताते हुए इनके नियमित उपयोग के स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला।
25 महिलाओं ने लिया प्रशिक्षण में हिस्सा
महुआ में स्थापित सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में आयोजित इस हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग में स्व-सहायता समूह की 25 महिलाओं ने सहभागिता की। प्रतिभागियों को मोटे अनाज से तैयार नान खटाई, न्यूट्रीबार, कुकीज़ जैसे उत्पादों के निर्माण, इनकी बाज़ार संभावनाओं और अतिरिक्त आमदनी के अवसरों के बारे में विस्तार से बताया गया।
उद्देश्य: पोषण स्तर बढ़ाना और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना
कार्यक्रम का मकसद बेकरी आइटम्स में मोटे अनाज का उपयोग बढ़ाकर पोषण स्तर में वृद्धि करना और ग्रामीण महिलाओं के लिए नए रोजगार अवसर तैयार करना है। यह पूरा प्रशिक्षण जिला प्रशासन के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
समुदायों को उद्यमिता से जोड़ने की पहल
जशपुर में एनआईएफ़टीईएम टीम उत्पाद निर्माण के साथ पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग में तकनीकी सहायता भी प्रदान कर रही है। यह पहल ग्राम अंगीकरण कार्यक्रम के तहत स्थानीय समुदायों को खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्यमिता से जोड़ने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व प्रो. प्रसन्ना कुमार जी.वी. और अभिमन्यु गौर कर रहे हैं, जबकि एनआईएफ़टीईएम के डायरेक्टर डॉ. हरिंदर सिंह ओबेरॉय के निर्देशन में इसे लागू किया जा रहा है। कार्यक्रम संचालन में मिशन मैनेजर विजय शरण प्रसाद और जय जंगल एफपीसी जशपुर के डायरेक्टर समर्थ जैन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।



