कलेक्टर–एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सख्त निर्देश — अपराध, नशाखोरी और साइबर अपराध पर जीरो टॉलरेंस

रायपुर, 14 अक्टूबर 2025
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट कहा कि छत्तीसगढ़ में पुलिस की छवि ऐसी होनी चाहिए जिससे अपराधियों में कानून का भय और जनता में सुरक्षा का अहसास उत्पन्न हो। वे मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर–एसपी कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की प्राथमिकता कानून-व्यवस्था को सशक्त, संवेदनशील और पारदर्शी बनाना है।
बैठक में कानून-व्यवस्था, मादक पदार्थ नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, साइबर अपराध और प्रशासनिक समन्वय जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव विकास शील, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जिलों में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की समन्वयपूर्ण कार्यशैली से ही प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने में किसी भी प्रकार की ढिलाई को प्रशासनिक उदासीनता माना जाएगा और ऐसे मामलों में सख्त कार्यवाही होगी।
मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश — अपराध और अव्यवस्था पर जीरो टॉलरेंस
साय ने कहा कि सड़क पर अव्यवस्था फैलाने, चाकूबाजी या हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए। उन्होंने गौ-तस्करी और धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सघन निगरानी रखने और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
नशाखोरी पर सख्त कार्रवाई — राज्यव्यापी एनकॉर्ड अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि “नशा अपराधों की जड़ है”। उन्होंने एनकॉर्ड (NCORD) के तहत राज्यव्यापी अभियान चलाने, सीमावर्ती जिलों में तस्करी पर रोक लगाने और एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से जागरूक करने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया गया।
घुसपैठियों पर विशेष निगरानी – गठित हुई STF
साय ने बताया कि सीमावर्ती जिलों में घुसपैठ की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए विशेष टास्क फोर्स (STF) गठित की गई है। उन्होंने कहा कि संदिग्ध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई और जांच को प्राथमिकता दी जाए।
माओवादियों का पुनर्वास और आजीविका सशक्तिकरण पर फोकस
बैठक में आत्मसमर्पित माओवादियों के पुनर्वास पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नीति में उनका विश्वास बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ा जाए ताकि वे मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
सड़क सुरक्षा पर कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हेलमेट, सीट बेल्ट और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए। रात 10 बजे के बाद डीजे और लाउडस्पीकर पर रोक, नशे में वाहन चलाने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई और ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
साइबर अपराधों पर सतर्कता – पुलिस को तकनीकी प्रशिक्षण आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर अपराध आधुनिक युग की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने पुलिस बल को तकनीकी प्रशिक्षण देने और साइबर हेल्पलाइन के प्रचार-प्रसार को व्यापक स्तर पर करने के निर्देश दिए। जिलों में जागरूकता अभियान चलाकर नागरिकों को फिशिंग, ऑनलाइन ठगी और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाने पर बल दिया गया।
टीम भावना और जवाबदेही से बनेगा विकसित छत्तीसगढ़
साय ने कहा कि “पारदर्शी, जवाबदेह और टीम भावना से युक्त प्रशासन ही विकसित छत्तीसगढ़ की नींव है।” उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नीतियों की सफलता केवल कागज़ों पर नहीं, बल्कि ईमानदार और समर्पित टीमवर्क से तय होती है।