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बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं की क्रांति: 19 अस्पतालों को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता सर्टिफिकेट, मरीजों को मिलेगी उन्नत सुविधाएं

रायपुर, 27 फरवरी 25 – बस्तर जिले में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के तहत स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार देखने को मिल रहा है। जिले में अब तक 19 स्वास्थ्य केंद्र एनक्यूएएस प्रमाणित हो चुके हैं, जिससे यहां की चिकित्सा व्यवस्था को मजबूती मिली है।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. रीना लक्ष्मी ने बताया कि बस्तर जिले में एनक्यूएएस प्रमाणन के तहत 19 स्वास्थ्य सुविधाओं को राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता का दर्जा मिला है, जिससे स्पष्ट होता है कि बस्तर की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार हो रहा है।

सख्त मानकों पर होता है मूल्यांकन, 19 से अधिक बिंदुओं पर होता है सर्वे

स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय स्तर का प्रमाणन प्राप्त करने के लिए 19 से अधिक गुणवत्ता मानकों पर परखा जाता है। इसमें स्वच्छता, दवाओं की उपलब्धता, उपकरणों की स्थिति, संक्रमण नियंत्रण, रोगी संतुष्टि, डॉक्टरों और स्टाफ की दक्षता, आपातकालीन सेवाएं और अन्य चिकित्सा सुविधाएं शामिल हैं।

गुणवत्ता प्रमाणन से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर सेवाएं देने के योग्य इलाज, उन्नत सुविधाएं और उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की उम्मीद बढ़ी है। आने वाले समय में बस्तर जिला स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में और भी अग्रणी बन सकता है। बस्तर जिला एनक्यूएएस कार्यक्रम 2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार बस्तर जिले में कुल 281 स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, जिनमें से 138 को एनक्यूएएस मूल्यांकन के लिए चुना गया।

कब किसे मिला सर्टिफिकेट

  • 2022 में प्रमाणित: आडावाल
  • 2023 में प्रमाणित: कलचा, कुम्हरावंड, जगदलपुर महारानी अस्पताल
  • 2024 में प्रमाणित: केसलूर, पालवा, तेलीमरेंगा, माड़पाल, उलनार, छिंदगुर, तारापुर, मोंगरेपाल, मार्केल, कच्छनार, कुरेंगा, करंजी, जामावाड़ा
  • 2025 में प्रमाणित: यूपीएचसी गीमद रोड, यूपीएचसी धमरपुरा

बस्तर जिले में लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर ऊंचा हो रहा है, जिससे आमजन को बेहतर इलाज और सुविधाएं मिल रही हैं।

Manish Tiwari

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