छत्तीसगढ़
Trending

बारनवापारा से रेस्क्यू बाघ की दहाड़ अब तमोर पिंगला टायगर रिजर्व में, मुख्यमंत्री बोले- छत्तीसगढ़ का नया टायगर रिजर्व बाघ संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम

रायपुर, 28 नवंबर 2024/ कसडोल नगर के पारस नगर सेक्टर से रेस्क्यू किए गए नर बाघ की दहाड़ अब गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व में गूंजेगी। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू किए गए इस बाघ को आज सुरक्षित तरीके से गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया। गुरू घासीदास-तमोर पिंगला छत्तीसगढ़ का नया टायगर रिजर्व है।

बलौदाबाजार वनमंडल के कसडोल तहसील में बीते 8 माह से बारनवापारा वन क्षेत्र में विचरण कर रहे एक नर बाघ के कसडोल तहसील के ग्राम कोट पहुंच जाने की सूचना वन विभाग को मिली थी। वन विभाग का अमला आवश्यक रेस्क्यू सामग्री तथा वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारियों सहित मौके पर तत्काल पहुंचा और कसडोल नगर के पारस नगर सेक्टर से उक्त बाघ को रेस्क्यू किया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) के निर्देश पर आज प्रातः 8 बजे इस बाघ को नवगठित गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया।

इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं क्षेत्र संचालक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर, वन संरक्षक (वन्यप्राणी) क्षेत्र संचालक, एलीफेंट रिजर्व सरगुजा, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर, उप निदेशक एलीफेंट रिजर्व सरगुजा, कानन पेंडारी-जू के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी. के चंदन, गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजीत पाण्डेय, सहायक संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर, अधीक्षक तमोर पिंगला अभ्यारण्य, अधीक्षक सेमरसोत अभ्यारण्य, क्षेत्रीय अधिकारी-कर्मचारी एवं छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य गौरव निहलानी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू किए गए बाघ को सुरक्षित तरीके से गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व में छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए भारत सरकार ने ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व’ को नया टायगर रिजर्व घोषित किया है। यह देश का 56वां टायगर रिजर्व है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में इस टायगर रिजर्व को अधिसूचित किया।

विशेषताएं:

यह टायगर रिजर्व 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।

इसमें 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभ्यारण्य आते हैं।

यह आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है।

IMG 20250811 172353
Manish Tiwari

Show More

Related Articles

Back to top button