
रायपुर: 8 अक्टूबर 2025 को मेकाहारा अस्पताल के डॉक्टरों ने ‘इंवेसिव कार्सिनोमा ऑफ थाइमस’ यानी थाइमिक कार्सिनोमा नामक रेयर कैंसर से पीड़ित मरीज की सफल सर्जरी की। साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के मुताबिक यह कैंसर बेहद दुर्लभ है, केवल 1 लाख लोगों में एक को ही होता है। सेंट्रल इंडिया में यह सर्जरी पहली बार की गई है।
मेकाहारा के कैंसर सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष गुप्ता और हार्ट सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू की टीम ने लगातार पांच घंटे तक ऑपरेशन किया। थाइमिक कार्सिनोमा थाइमस ग्लैंड में होता है और यह बेहद आक्रामक प्रकार का कैंसर है, जो अक्सर थाइमस से बाहर फैल चुका होता है।
थाइमस ग्लैंड और कैंसर का संबंध
थाइमस ग्लैंड, सीने के बीच में, दिल और स्टर्नम के पीछे स्थित होती है और यह T-सेल्स बनाकर शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करती है। लेकिन थाइमस के अपने सेल्स में कैंसर होने पर T-सेल्स उसे पहचान नहीं पाते, जिससे यह तेजी से फैल सकता है।
मरीज की स्थिति और सर्जरी की जटिलता
35 वर्षीय मरीज ओडिशा से आया था, जिसे सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत थी। रिपोर्ट में पाया गया कि हार्ट के सामने 11×7 सेंटीमीटर का ट्यूमर था, जो मेजर ब्लड वेसल्स और फेफड़े से चिपका हुआ था। ट्यूमर के किसी भी हिस्से को गलत तरीके से छेड़ने पर मरीज की जान खतरे में पड़ सकती थी।
सर्जरी की तकनीक
मेडियन स्टर्नोटॉमी प्रोसीजर से ऑपरेशन किया गया। इस प्रक्रिया में सुपीरियर वेना केवा और फेफड़े के हिस्सों को सावधानीपूर्वक काटा गया, जिससे ट्यूमर को पूरी तरह निकाला जा सका। सर्जरी के बाद मरीज स्वस्थ है।
विशेषज्ञों का कहना:
“थाइमिक कार्सिनोमा दुर्लभ और आक्रामक कैंसर है। समय पर पहचान और विशेषज्ञ सर्जरी इसे ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है,” – डॉ. आशुतोष गुप्ता।
भास्कर एक्सप्लेनर: थाइमिक कार्सिनोमा के कारण, सिम्प्टम्स और जटिलताओं के बारे में जानने के लिए विशेष रिपोर्ट।