चाइनीज मांझे से मासूम की मौत पर हाईकोर्ट सख्त: सरकार को फटकार, 50 हजार मुआवजा नाकाफी, पूछा—बाजार में प्रतिबंध के बावजूद कैसे बिक रहा?

बिलासपुर, 25 फ़रवरी 2025। रायपुर में चाइनीज मांझे से सात साल के बच्चे की दर्दनाक मौत के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने 50 हजार के मुआवजे को नाकाफी बताते हुए कहा कि इससे क्या होगा? एक मासूम की जान गई है, जिसकी कीमत इस राशि से नहीं लगाई जा सकती। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि मुआवजा बढ़ाया जाए और चाइनीज मांझे की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए।
बाजार में कैसे बिक रहा प्रतिबंधित मांझा? कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
20 जनवरी को रायपुर में हुए इस हादसे ने सभी को झकझोर दिया था। बच्चा अपने पिता के साथ बाइक पर जा रहा था, तभी चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया और उसकी जान चली गई। हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सोमवार को सुनवाई की। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि जब चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगा हुआ है, तो यह बाजार में कैसे उपलब्ध हो रहा है?
कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर और खतरनाक बताते हुए कहा कि नियमों का पालन क्यों नहीं हो रहा? सरकार ने जवाब में कहा कि नियमों के तहत 50 हजार रुपये मुआवजा दिया जा रहा है, लेकिन इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि शासन की लापरवाही से हुई मौत के लिए यह राशि बहुत कम है, इसे बढ़ाया जाए।
चाइनीज मांझे की बिक्री अपराध, हो सकती है 5 साल की जेल
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 2017 में पूरे देश में नायलॉन और चाइनीज मांझे की खरीद, बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद कई लोग चोरी-छिपे इसे बेचते और इस्तेमाल करते हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत 5 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
अब हाईकोर्ट की सख्ती के बाद देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।